लगभग तीन करोड़ की लागत से डकरा में बन रहा कायाकल्प वाटिका
जमीन समतल करने के दिखावे में खोद रहे पेड़ों के जड़
प्रतिनिधि, डकरा
लगभग तीन करोड़ की लागत से डकरा में बन रहे कायाकल्प वाटिका का शिलान्यास के समय जो पौधे लगाए गए थे उसमें आधे से अधिक देखरेख के अभाव में सूख गये. कुछ पौधे किसी तरह बच गए और पेड़ के रूप में आकार ले लिया उसे जमीन समतल करने के दिखावे में अब जड़ खोदने का काम किया जा रहा है. इस दिखावे के कारण ऐसे पेड़ों के अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है. पर्यावरण संरक्षण के नाम पर कोयला और पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश पर बनाए जा रहे इस पार्क के काम में कैसा पर्यावरण संरक्षण का काम किया जा रहा है इसे समझा जा सकता है. बताते चलें कि जुलाई 2020 में इस पार्क का शिलान्यास किया गया और दो साल पहले दो करोड़ 87 लाख रुपये का टेंडर कर एक कंपनी को काम दिया गया, लेकिन दो साल बाद भी पार्क बनने के बजाए उस परिसर में कुछ नहीं बदला.बदलाव के नाम पर सिर्फ इतना हुआ कि परिसर में रखा करोड़ों रुपये का स्क्रैप गायब हो गया. 26 नवंबर को इससे संबंधित खबर प्रभात खबर में छपी तब विभाग सक्रिय हुआ और कंपनी को तलब कर काम शुरू कराया गया. प्रभात खबर में छपी खबर के बाद काम में तेजी तो जरूर आयी, लेकिन जिस तरह तैयार पेड़ों के जड़ खोदने का काम किया जा रहा है उससे तैयार होने वाले पार्क में पेड़ों के अस्तित्व और हरियाली पर ही खतरा उत्पन्न हो गया है.
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