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इंटरमीडिएट की दो लाख से अधिक सीटें रहेंगी रिक्त

राज्य में इस वर्ष इंटरमीडिएट की दो लाख से अधिक सीटें रिक्त रह जायेंगी. पिछले 10 वर्षों में राज्य में लगभग 1500 से अधिक हाइस्कूल खुले. राज्य में स्कूल तो खुले, पर विद्यार्थियों की संख्या में आशा के अनुरूप वृद्धि नहीं हुई. राज्य में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या घटती-बढ़ती रही है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 12, 2020 5:49 AM

इंटरमीडिएट में सीटें पांच लाख, मैट्रिक में पास हुए 2.88 लाख विद्यार्थी

रांची : राज्य में इस वर्ष इंटरमीडिएट की दो लाख से अधिक सीटें रिक्त रह जायेंगी. पिछले 10 वर्षों में राज्य में लगभग 1500 से अधिक हाइस्कूल खुले. राज्य में स्कूल तो खुले, पर विद्यार्थियों की संख्या में आशा के अनुरूप वृद्धि नहीं हुई. राज्य में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या घटती-बढ़ती रही है.

वर्ष 2014 में जहां 3,60,005 परीक्षार्थी मैट्रिक की परीक्षा में सफल हुए थे, वहीं इस वर्ष यह संख्या घट कर 2,88,928 हो गयी. वर्ष 2014 की तुलना में परीक्षा पास करनेवालों की संख्या में लगभग 71 हजार की कमी आयी है. एक ओर राज्य में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या घट रही है, वहीं दूसरी ओर इंटर में लगभग एक लाख सीटें बढ़ गयीं.

झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, इंटर में कुल पांच लाख दो हजार सीटें हैं. वर्ष 2020 में मैट्रिक परीक्षा पास करनेवाले परीक्षार्थियों की संख्या 2,88,928 है. ऐसे में अगर मैट्रिक पास शत-प्रतिशत विद्यार्थी राज्य के स्कूल-कॉलेजों में नामांकन लेते हैं, तो भी लगभग 2.13 लाख सीटें रिक्त रह जायेंगी. इससे कॉलेजों के आय में भी कमी आयेगी. वहीं, कई वित्त कॉलेजों में शिक्षकों के वेतन पर भी आफत आ जायेगा.

चार स्तर पर होती है इंटर की पढ़ाई : राज्य में इंटरमीडिएट की पढ़ाई चार स्तर पर होती है. अंगीभूत कॉलेजों में इंटर की 98304 सीटें हैं. कॉलेजों में जैक की ओर से एक संकाय में 512 सीटें स्वीकृत हैं. 510 प्लस टू उच्च विद्यालय में 1,95840 सीटें हैं. साथ ही संबद्धता प्राप्त डिग्री कॉलेज व इंटर कॉलेजों में भी इंटर की पढ़ाई होती है.

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