माताओं ने निर्जला उपवास कर किया जिउतिया व्रत
कोयलांचल में बुधवार को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जानेवाला जीवित्पुत्रिका व्रत अर्थात जिउतिया श्रद्धा भाव से माताओं ने किया.
प्रतिनिधि, खलारी : खलारी कोयलांचल में बुधवार को अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जानेवाला जीवित्पुत्रिका व्रत अर्थात जिउतिया श्रद्धा भाव से माताओं ने किया. अपने संतान के दीर्घायु के लिए माताओं ने जिउतिया व्रत का निर्जला उपवास रखा. माताओं ने शाम में जीमूतवाहन सहित शंकर-पार्वती, कार्तिक व गणेश भगवान की पूजा-अर्चना की. पूजा के दौरान व्रती माताओं ने चिल्हो सियारो की कथा भी सुनीं. इससे एक दिन पूर्व मंगलवार को माताओं ने नहाय-खाय किया. पौराणिक कथा के अनुसार जिउतिया व्रत संतान की दीर्घायु और सुख-समद्धि के लिए रखा जाता है. मान्यता है कि इस व्रत से संतान पर आनेवाला संकट टल जाता है और शास्त्र के मुताबिक जिउतिया करनेवाली व्रती माताओं के संतान की रक्षा स्वयं भगवान श्रीकृष्ण करते हैं. व्रती गुरुवार को नवमी तिथि को विधान से पारन करने के पश्चात धागे से बने पूजित जिउतिया को गले में धारण करेंगी. इधर जिउतिया पर्व को लेकर खलारी के बाजारों में सब्जियों की कीमतें आसमान पर रही. जिउतिया में उपयोगी खास सब्जियों की कीमत ज्यादा थी. वहीं जितिया गुंथवाने व खरीदने के लिए दुकानों में महिलाओं की भीड़ लगी रही.
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