ठनका गिरने से चार की मौत के बाद चुटू व नेवरी में मातम
बीआइटी थाना क्षेत्र के नेवरी और चुटू गांव के चार युवकों की मौत मंगलवार की शाम ठनका गिरने से हो गयी थी. इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है.
मेसरा. बीआइटी थाना क्षेत्र के नेवरी और चुटू गांव के चार युवकों की मौत मंगलवार की शाम ठनका गिरने से हो गयी थी. इस घटना के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है. बुधवार को नेवरी निवासी शोएब अंसारी समेत चुटू गांव के शाहिद अंसारी, आसिफ अंसारी व मकसूद अंसारी का शव पोस्टमार्टम के बाद जैसे ही गांव पहुंचा, पूरे गांव में मातम का माहौल कायम हो गया.बाद में अलग-अलग कब्रिस्तान में चारों युवकों के शवों को दफनाया गया. अंतिम यात्रा में भारी संख्या में ग्रामीण शामिल हुए. बीआइटी थाना प्रभारी रोशन सिंह के अनुसार ठनका गिरने से चारों युवकों की मौत हुई है. इससे पूर्व बुधवार की सुबह बीआइटी थाना प्रभारी दल बल के साथ घटनास्थल और घटना की छानबीन की. छानबीन के क्रम में पाया गया कि जिस स्थान पर युवकों के शव मिले थे, वहां सखुआ का पेड़ फटा हुआ था. छानबीन में पता चला कि युवकों की मौत ठनका गिरने से ही हुई थी. ज्ञात हो कि मंगलवार को चारों युवक बीआइटी इंजीनियरिंग कॉलेज के पीछे स्वर्णरेखा रेखा नदी में मछली मारने गये थे. बताया जाता है कि इसी दौरान शाम करीब छह बजे बारिश होने लगी. बारिश से बचने के लिए चारों सखुआ के पेड़ ने नीचे खड़े थे. इसी दौरान ठनका गिरा, जिससे चारों की मौत हो गयी. पढ़ाई के साथ रोजगार से भी जुड़े थे चारों युवक: ग्रामीणों के अनुसार शाहिद फ्लोरेंस कॉलेज इरबा में नर्सिंद की पढ़ाई कर रहा था. वहीं आसिफ अंसारी आरटीसी बूटी में प्लस टू की पढ़ाई के साथ स्लाइडिंग ग्लास लगाने का काम करता था. इसके अलावा शोएब अंसारी पुरानी गाड़ी की खरीद-बिक्री का काम करता था. मकसूद अंसारी मूल रूप से ओरमांझी के आनंदी का रहनेवाला था. वह वर्तमान में चुटू गांव में अपने मामा ताजुद्द्दीन अंसारी के घर रहता था और पेंट-पोचाड़ा का काम करता था. मकसूद की पत्नी को आर्थिक सहायता के रूप में थाना प्रभारी ने पांच हजार रुपये दिये.
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