झारखंड में सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन : 20 नामजद सहित एक हजार कर्मियों पर केस
स्थायी नौकरी की मांग को लेकर नक्सल प्रभावित 12 जिलों के सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा.
रांची : स्थायी नौकरी की मांग को लेकर नक्सल प्रभावित 12 जिलों के सहायक पुलिसकर्मियों का आंदोलन तीसरे दिन सोमवार को भी जारी रहा. करीब सुबह साढ़े 10 बजे सहायक पुलिसकर्मी सीएम आवास घेरने के लिए मोरहाबादी मैदान से निकले थे, लेकिन रास्ते में बैरिकेडिंग कर सिटी डीएसपी अमित कुमार व उनकी टीम ने रोक दिया.
इस बीच एसएसपी सुरेंद्र झा भी पहुंच गये. उन्होंने सहायक पुलिसकर्मियों को समझा-बुझाकर मोरहाबादी लौटने को कहा. इसके बाद घेराव कार्यक्रम स्थगित कर सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी लौट गये. हालांकि सोमवार की देर शाम मोरहाबादी में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी के बयान पर लालपुर थाना में 20 नामजद सहित एक हजार से ज्यादा सहायक पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी. प्राथमिकी लॉकडाउन व धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में की गयी है.
हालांकि किन लोगों के खिलाफ प्राथमिकी की गयी है इसका खुलासा पुलिस ने नहीं किया. सहायक पुलिसकर्मियों का कहना था कि उन्हें अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री तीन दिनों के लिए दुमका गये हैं. उनके आने के बाद आगे की बातचीत होगी. उधर, दिन में एक और सहायक पुलिसकर्मी बेहोश हो गया. उसे रिम्स भेजा गया. बता दें कि बीते शनिवार से सहायक पुलिसकर्मी मोरहाबादी मैदान में डटे हुए हैं.
एक महिला सहायक पुलिसकर्मी ने बताया कि उसकी साथी पूनम भी बीमार हो गयी है और रिम्स ले जाया गया है. अभी उसकी स्थिति कैसी है, इसकी जानकारी नहीं मिली है. वहीं, रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी से सहायक पुलिसकर्मियों ने अपनी पीड़ा बतायी थी. जिसके बाद उन्होंने मांगों को जायज ठहराते हुए विधानसभा के माॅनसून सत्र में यह मुद्दा उठाने की बात कही थी. मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने जा रहे थे
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मोरहाबादी में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी के बयान पर लालपुर थाना में की गयी प्राथमिकी
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स्थायी नौकरी की मांग को लेकर तीसरे दिन भी आंदोलन जारी रहा
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लॉकडाउन व धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में प्राथमिकी
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एसएसपी ने समझा-बुझाकर वापस मोरहाबादी भेजा था