सांसद संजय सेठ ने उठाया पहाड़ी मंदिर के संरक्षण का मुद्दा, कर डाली ये बड़ी मांग
यहां आदिवासी समुदाय से जुड़े बंधु भी पूजा करते हैं. ऐतिहासिक महत्व यह है कि कई स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी की सजा दी गयी है, इसे फांसी टुंगरी के नाम से भी जानते हैं.
सांसद संजय सेठ ने शुक्रवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान पहाड़ी मंदिर का मामला उठाया और केंद्र सरकार से उसके संरक्षण व संवर्धन की मांग की. श्री सेठ ने सदन में कहा कि भारत में ऐसे बहुत कम स्थान हैं, जिनका धार्मिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व साथ-साथ है. ऐसे ही स्थानों में है रांची का पहाड़ी मंदिर. हिमालय से भी पुरानी इस पहाड़ी पर साक्षात भगवान शिव का वास है.
यहां आदिवासी समुदाय से जुड़े बंधु भी पूजा करते हैं. ऐतिहासिक महत्व यह है कि कई स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी की सजा दी गयी है, इसे फांसी टुंगरी के नाम से भी जानते हैं. श्री सेठ ने जर्जर हो रही रांची पहाड़ी को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित कर इसके संरक्षण व संवर्धन की मांग की.
इधर, सांसद दीपक प्रकाश द्वारा राज्यसभा में पूछे गये एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह ने सदन में बताया कि राज्य सरकार ने तीन वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उद्योग लगाने के लिए कोई प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा है. सांसद श्री प्रकाश ने पूछा था कि झारखंड में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के लिए तीन वर्षों के ‘किसान संपदा योजना’ के तहत कितनी राशि आवंटित की गयी है तथा उसमें कितनी राशि खर्च हुई है.
झारखंड में बालू के अवैध धंधे का मामला भी उठा
सांसद सुदर्शन भगत ने सदन में बालू के अवैध धंधे का मामला उठाया. कहा है कि झारखंड की विभिन्न नदियों में लगातार बालू का अवैध खनन हो रहा है. हमारा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य का धनी प्रांत है. यहां के वन और जीवन दायिनी नदियों के कारण हमारे राज्य की अलग पहचान है. किन्तु सदन को यह बताते हुए कष्ट हो रहा है कि झारखंड में बालू का लगातार बढ़ रहा अवैध खनन चिंता का विषय बन गया है.
राज्य सरकार व प्रशासन की सह पर पूरे राज्य में खनन माफियाओं का राज है. एनजीटी नियमों का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. राज्य सरकार के सामने अनेकों शिकायतें रोज आ रही हैं. किन्तु राज्य सरकार इस बारे में कोई ध्यान नहीं दे रही.
मेरे संसदीय क्षेत्र के गुमला एवं लोहरदगा जिला में हमारी जीवन दायिनी नदियों में लगातार हो रहा अवैध बालू खनन से नदियों का लगातार कटाव हो रहा है. इस मामले में हस्तक्षेप कर झारखंड राज्य में हो रहे अवैध बालू के खनन को रोकने के लिए कठोर कदम उठाये जायें. एक टास्क फोर्स भेजकर पूरे मामले की गहन जांच होनी चाहिए.