रांची : सांसद संजय सेठ ने मंगलवार को सांसद कार्यालय में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक 2022 के तहत राज्य सरकार द्वारा दो फीसदी शुल्क लगाने के निर्णय का विरोध करते हुए व्यापारियों के हित में इस काले कानून को वापस लेने की मांग की है. श्री सेठ ने कहा कि पूर्व की भाजपा सरकार ने व्यापारियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बाजार शुल्क हटा दिया था. इससे व्यापार में बढ़ोतरी हुई और कारोबार भी बढ़ा, परंतु वर्तमान सरकार फिर से 2% बाजार शुल्क लगाने का निर्णय किया है. इससे किसानों, खाद्यान्न कारोबारी के साथ-साथ ट्रेडर्स और आम जनों को महंगाई की मार झेलनी पड़ेगी. प्रेस वार्ता में महानगर के अध्यक्ष केके गुप्ता, सत्यनारायण सिंह, विनय जयसवाल, बलराम सिंह, धीरज महतो उपस्थित थे.
सांसद ने किया बंद का समर्थन
सांसद संजय सेठ ने कहा कि झारखंड में अधिकतर खाद्यान्न वस्तुएं बाहर से आती हैं. पहले ही उस पर टैक्स लगा होता है, फिर यहां आने पर 2% बाजार शुल्क देना होगा. इससे खाद्यान्न महंगी होगी और हर वर्ग के लोग प्रभावित होंगे. साथ ही व्यापार पर बुरा प्रभाव पड़ेगा क्योंकि आसपास के राज्यों में बाजार शुल्क नहीं लगता है. इसके साथ ही अफसरशाही हावी होगी. कई भाजपा शासित राज्यों में लोगों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए बाजार शुल्क हटा दिया गया है. राज्य सरकार को भी राज्य कृषि उत्पादन और पशुधन विपणन विधेयक वापस लेना चाहिए. सांसद ने कहा कि वे व्यापारियों के साथ इस लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं. उन्होंने व्यापारियों की बुधवार की बंदी का समर्थन किया है.
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सदन में उठाया ये मामला
सांसद सेठ ने बजट सत्र के दौरान सदन में उठाए गए महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी दी. पहाड़ी मंदिर को राष्ट्रीय महत्व का स्थान घोषित कर इसके संरक्षण की मांग की. उन्होंने निफ्ट का मामला सदन में उठाते हुए इस ऐतिहासिक संस्था की स्वायत्तता और राष्ट्रीय पहचान दिलाने की मांग की. श्री सेठ ने कहा कि झारखंड में 210 करोड रुपये सीआरएस फंड के तहत खर्च हुए हैं. गौ तस्करी रोकने के लिए उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर कानून बनाने की मांग की.