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झारखंड : मुहर्रम के जुलूस को लेकर गाइडलाइन जारी, निर्धारित मार्ग से ही निकलेंगे अखाड़ा धारी

आग, मरकरी, कांच का खेल दिखाना सख्त मना है. साथ ही ऐसा कोई खेल नहीं दिखायेंगे, जिससे खुद के साथ-साथ दर्शकों को या जुलूस में शामिल अन्य व्यक्तियों को नुकसान हो.

सेंट्रल मुहर्रम कमेटी ने मुहर्रम को लेकर नयी गाइडलाइन जारी की है. सभी अखाड़ाधारियों से आग्रह किया गया है कि वह जुलूस में समय की पाबंदी का पालन करने और नशेड़ियों पर अंकुश लगाने पर ध्यान दें. कमेटी के सरपरस्त सईद की सरपरस्ती में धौताल अखाड़ा, इमाम बख्श अखाड़ा सहित सभी अखाड़ों के अधीन निकाले जानेवाले मुहर्रम के जुलूस संचालन के लिए यह गाइडलाइन जारी की गयी है.

अध्यक्ष जावेद गद्दी, महासचिव अकीलुर्रहमान, प्रवक्ता इसलाम एवं उपाध्यक्ष आफताब आलम ने कहा है कि सभी अखाड़ाधारी अपने निर्धारित मार्ग से ही निकलकर वापसी भी अपने निर्धारित मार्ग से ही करेंगे. आग, मरकरी, कांच का खेल नहीं करेंगे. साथ ही ऐसा कोई खेल नहीं दिखायेंगे, जिससे खुद के साथ-साथ दर्शकों को या जुलूस में शामिल अन्य व्यक्तियों को नुकसान हो. हर अखाड़ा धारी फर्स्ट एड की व्यवस्था रखेंगे. प्रत्येक अखाड़ाधारी अपने-अपने अखाड़े में व अपने मुहल्ले में रस्मे पगड़ी एवं अस्त्र-शस्त्र चालन प्रतियोगिता आपसी सौहार्द के साथ शांतिपूर्वक संपन्न करेंगे. इसकी विधिवत सूचना कार्यक्रम के पूर्व अपने प्रमुख खलीफा को देना आवश्यक होगा.

जुलूस में किसी व्यक्ति या समुदाय विशेष पर आधारित आस्था को ठेस पहुंचानेवाली झांकी प्रतिबंधित है. इतिहास से संबंधित और देश व समाज हित से संबंधित निकाली जानेवाली झांकी की ही मान्यता होगी. हर अखाड़ाधारी अच्छे ढंग से जुलूस का संचालन करने के लिए अपने अखाड़े के सुलझे हुए 10 व्यक्तियों के नाम उनके मोबाइल नंबर के साथ अपने प्रमुख खलीफा को देंगे.

अफवाहों पर ध्यान नहीं देने की अपील :

गाइडलाइन में कहा गया है कि अफवाहों पर ध्यान नहीं देते हुए छोटी घटना का तुरंत अपने स्तर से समाधान करने की कोशिश हर अखाड़ाधारी करेंगे. किसी कारणवश समाधान नहीं हो पाता है, तो तुरंत उसकी सूचना अपने प्रमुख खलीफा, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी रांची के पदाधिकारियों और स्थानीय थाना को दें. जिससे समय रहते समस्या का समाधान हो सके. इन सभी गाइडलाइन का पालन करना सभी अखाड़ाधारियों के लिए अनिवार्य है.

हजरत अली असगर की याद में झूला निकाला

मुहर्रम की सातवीं पर मस्जिद जाफरिया में जिक्र शहीदाने कर्बला की मजलिस हुई. ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड झारखंड के चेयरमैन मौलाना हाजी सैयद तहजीबुल हसन रिजवी ने कहा कि आज जमाना हमसे पूछ रहा है कि इमामे हुसैन का मकसद क्या था. उन्होंने कहा कि इमामे हुसैन का मकसद जुल्म का खात्मा करना था. इमामे हुसैन का मकसद जरूरतमंदों की मदद करना, बेसहारों को सहारा देना है. इमामे हुसैन के इस मकसद से दुनिया के किसी भी धर्म को इंकार नहीं है. धर्म कोई भी हो वह अच्छाई का संदेश देता है. इस दौरान मस्जिद जाफरिया में हजरत अली असगर की याद में झूला निकाला गया. पेशखानी अमीर गोपालपुरी, अमुद अब्बास, हसनैन रांची, अशरफ हुसैन, यावर हुसैन ने किया.

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