मुख्यमंत्री पशुधन स्कीम के तहत कुछ लाभुकों के खाते में पैसे भेज दिये गये हैं, लेकिन वे इन पैसों से पशु-पक्षी खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. इससे स्कीम पर असर पड़ रहा है. ऐसे लोगों को चिह्नित कर राशि वसूलने की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश पशुपालन सह गव्य निदेशक ने दिया है.
इसमें शामिल दोषी पदाधिकारियों को भी चिह्नित करने का आदेश दिया है. बैंक कर्मियों के विरुद्ध भी कार्रवाई की अनुशंसा की जायेगी. पशुपालन निदेशक शशि प्रकाश झा ने सभी जिला पशुपालन पदाधिकारियों को इससे संबंधित पत्र जारी किया है. पिछले दिनों हुई समीक्षा के दौरान आये मामलों का भी जिक्र किया गया है.
कई जिलों में आपूर्तिकर्ताओं ने पशु-पक्षी की आपूर्ति करने से इनकार कर दिया है. ऐसे आपूर्तिकर्ताओं को चिह्नित कर कार्रवाई करने की अनुशंसा करने को कहा गया है. जहां आपूर्ति नहीं हो पा रही है, वैसे जिलों में वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.
जिला गव्य विकास कार्यालय ने राजधानी में 108 ऐसे लाभुकों को चिह्नित किया है, जो पैसा लेने के बाद भी जानवर खरीदने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं. हरेक लाभुक के खाते में गाय खरीदने के लिए 34,075 रुपये दिये गये हैं. इतनी ही राशि लाभुकों को बैंक में जमा करनी है. लाभुकों जल्द अपने हिस्से की राशि जमा करने को कहा गया है.
जिला गव्य विकास पदाधिकारी कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि ऐसे लोगों को राशि जमा कर उसकी रसीद विभाग के पास जमा करने को कहा गया है. ताकि, जानवर खरीद की प्रक्रिया जल्द पूरी हो सके. जो लाभुक डीबीटी से दी गयी राशि की निकासी का प्रयास करेंगे, उनके विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. सभी लाभुकों को दो-दो गाय दी जानी है.
पशु-पक्षी की मृत्यु होने से लाभुकों को क्षति होगी, इस कारण जानवरों का बीमा कराया जाये
अक्तूबर माह में जन प्रतिनिधियों के माध्यम से पशुधन स्कीम वितरण का कार्यक्रम करायें
2020-21 के लाभुकों का चयन अभी तक सभी जिलों में नहीं हो पाया है, इसे शीघ्र करेपशुधन वितरण के लिए पंचायत स्तर पर शिविर लगाने का निर्देश
पशु चिकित्सकों द्वारा प्रमाण पत्र के साथ पशु-पक्षी का वितरण और राशि का भुगतान करायें
Posted By : Sameer Oraon