झारखंड के किसानों को राहत, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए Rs 40 सरकार देगी, बोले कृषि मंत्री बादल
झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस स्थित एनआईसी सभागार में उपायुक्तों और जिला कृषि पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से विभागीय समीक्षा की. उन्होंने कहा कि अब किसानों को सुखाड़ राहत योजना के लाभ के लिए आवेदन को लेकर 40 रुपये का शुल्क नहीं देना होगा.
Mukhyamantri Sukha Rahat Yojana: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार सुखाड़ प्रभावित किसानों को लेकर काफी संवेदनशील हैं. किसानों के चेहरे पर मुस्कान आए, इसके लिए हम सभी को प्रयास करने होंगे. मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए अब सीएससी को 40 रुपये नहीं देने होंगे. सरकार इसका भुगतान करेगी. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने नेपाल हाउस स्थित एनआईसी सभागार में उपायुक्तों और जिला कृषि पदाधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हुई विभागीय समीक्षा के दौरान ये बातें कहीं.
सीएससी को नहीं देने होंगे 40 रुपये
कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि अब किसानों को सुखाड़ राहत योजना के लाभ के लिए आवेदन को लेकर 40 रुपये का शुल्क सीएससी या प्रज्ञा केंद्र को नहीं देना होगा. इस राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी. बता दें कि अब तक किसानों को राहत योजना के आवेदन को रजिस्टर्ड करने के लिए 40 रुपये का भुगतान करना पड़ता था.
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लैंड पजेशन सर्टिफिकेट की बाध्यता खत्म हो
श्री बादल ने कहा कि राज्य के किसानों की उदासी को अवसर में बदलने का प्रयास सभी अधिकारी करें. राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत आर्थिक मदद को लेकर मेमोरेंडम ऑफ फाइनेंस समर्पित किया है. आशा है कि इस संकट की घड़ी में केंद्र सरकार आवश्यक सहयोग करेगी. सरकार ने केंद्र को मेमोरेंडम ऑफ फाइनेंस के तहत 9682 करोड़ के राहत सहायता की मांग की है. उन्होंने कहा कि हर किसान परिवार या खेतिहर मजदूर, जो राज्य का राशन कार्ड धारी हो, उन सबको मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के तहत लाभ दिया जाए. उन्होंने विभागीय सचिव से कहा कि मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लिए जिन दस्तावेजों को अपलोड किया जाता है, उनमें से लैंड पजेशन सर्टिफिकेट की बाध्यता को खत्म किया जाए. यह सुनिश्चित किया जाए कि हर एक किसान, जिसका नाम राशनकार्ड में दर्ज है. मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना का लाभ दिया जाए.
धरातल पर जाकर जांच करें अधिकारी
कृषि मंत्री ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया कि वैसे गांव, जहां के लोग प्रखंड तक आकर योजनाओं का लाभ नहीं ले पाते हैं, वैसे गांव में पदाधिकारी स्वयं जाकर विजिट करें और कृषि योजनाओं का लाभ दिलवाएं. सरकार की ओर से जो बीज अनुदानित दर पर दिए जा रहे हैं, उनका कितना उपयोग हो रहा है. इसकी धरातल पर जांच करें और क्षेत्रवार सक्सेस स्टोरी बनाएं, ताकि एक मॉडल बन सके