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सरकारी संस्थानों पर नगर निकायों का 111.07 करोड़ बकाया

राज्य सरकार के संस्थान नगर निकायों काे टैक्स नहीं चुकाते हैं. राज्य के 49 नगर निकायों में विभिन्न सरकारी संस्थानों का 111.07 करोड़ रुपये बकाया है.

रांची. राज्य सरकार के संस्थान नगर निकायों काे टैक्स नहीं चुकाते हैं. राज्य के 49 नगर निकायों में विभिन्न सरकारी संस्थानों का 111.07 करोड़ रुपये बकाया है. साल दर साल बकाया राशि में लगातार वृद्धि होती जा रही है. राज्य के शहरों में सरकारी भवनों का प्रॉपटी टैक्स सालों से नहीं चुकाया गया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में निकायों ने होल्डिंग टैक्स के रूप में केवल 5.36 करोड़ रुपये की वसूली की है. जबकि, रांची को छोड़ कर शेष 48 नगर निकायों में पिछले वित्तीय वर्ष तक 21.58 करोड़ रुपये बकाया था. वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 7.23 करोड़ रुपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी है.

टैक्स बकाया रखने में रांची के सरकारी संस्थान नंबर वन

प्रॉपटी टैक्स बकाया रखने के मामले में रांची नगर निगम क्षेत्र में स्थित सरकारी संस्थान नंबर वन हैं. रांची को छोड़ कर राज्य के अन्य सभी 48 नगर निकायों स्थित सरकारी संस्थानों का बकाया 28.82 करोड़ रुपये ही है. जबकि, अकेले रांची नगर निगम का सरकारी संस्थानों पर 82.25 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है. दूसरे नंबर पर धनबाद नगर निगम क्षेत्र के सरकारी संस्थान हैं. वहां सरकारी संस्थानों पर 11.67 करोड़ रुपये बकाया है. इसके अलावा फुसरो नगर परिषद, मेदिनीनगर नगर निगम, चाईबासा नगर परिषद व आदित्यपुर नगर नगर निगम क्षेत्र में स्थित सरकारी संस्थान भी उक्त निकायों के बड़े बकायेदार हैं. इन निकायों में सरकारी संस्थानों का बकाया एक करोड़ रुपये से अधिक है.

टैक्स नहीं चुकाने पर आम लोगों की प्रॉपटी कुर्क करने का है प्रावधान

शहरों में किसी भी मकान, जमीन, बिल्डिंग, फ्लैट आदि पर प्रॉपटी टैक्स चुकाना अनिवार्य है. आम लोगों के लिए इनकम टैक्स की तरह अचल संपत्ति पर प्रॉपर्टी टैक्स चुकाना भी अनिवार्य है. प्रॉपर्टी के मालिक को हर साल या छमाही आधार पर संबंधित नगर निकाय को टैक्स चुकाना होता है. टैक्स चुकाने से चूक होने पर कई तरह की मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है. डिफॉल्ट होने पर टैक्स के साथ पेनाल्टी या ब्याज अथवा दोनों वसूला जा सकता है. डिफाल्टर पर वारंट जारी कर संपत्ति कुर्क भी की जा सकती है. सरकारी संस्थानों के लिए टैक्स न चुकाने पर अलग से कोई प्रावधान नहीं है. हालांकि, राज्य के किसी भी निगम में सरकारी संस्थानों पर टैक्स नहीं चुकाने के लिए कोई कार्रवाई नहीं की गयी है.

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