रांची : शहर में टैक्स वसूलने का काम कर रही कंपनी स्पैरो सॉफ्टटेक को सेवा विस्तार नहीं दिये जाने पर मेयर आशा लकड़ा ने नगर विकास सचिव व नगर आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल उठाया है. गुरुवार को मेयर ने कहा कि नौ जून को निगम परिषद की बैठक में स्पैरो सॉफ्टटेक को कार्य विस्तार देने का निर्णय लिया गया था. इस निर्णय के आधार पर मैंने नगर आयुक्त को अबतक तीन बार (06 जुलाई, 25 जुलाई व 14 अगस्त) को पत्र लिख कर कंपनी को एक्सटेंशन देने का निर्देश दिया. लेकिन नगर आयुक्त ने परिषद के निर्णय को दरकिनार कर निगमकर्मियों से ही टैक्स वसूली का काम शुरू करवा दिया.
इस संबंध में जब हमने नगर आयुक्त से बात की, तो उन्होंने कहा कि विभागीय सचिव का आदेश है कि स्पैरो सॉफ्टटेक कंपनी को सेवा विस्तार नहीं दिया जाये. नगर आयुक्त के इस आचरण से स्पष्ट है कि वे विभागीय सचिव के दबाव पर कार्य कर रहे हैं. उनके लिए झारखंड नगरपालिका अधिनियम कोई मायने नहीं रखता है. विभागीय सचिव का मौखिक निर्देश ही उनके लिए अहमियत रखता है.फितरत से बाज नहीं आ रहे सचिव: मेयर ने कहा कि 13 अगस्त को मैं खुद विभागीय सचिव से मिली थी.
इस दौरान मैंने उनसे कहा था कि नगरपालिका अधिनियम का पालन कराया जाये, साथ ही निगम के कार्यों में विभाग हस्तक्षेप न करे. परंतु विभागीय सचिव अपनी फितरत से बाज नहीं आ रहे हैं. विभागीय सचिव और नगर आयुक्त के इस रवैये से निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है.निगम के बदहाली के जिम्मेदार होंगे नगर आयुक्त: मेयर ने नगर आयुक्त की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि निगम में टैक्स कलेक्टर्स की संख्या नाम मात्र है.
ये टैक्स कलेक्टर 53 वार्डों से राजस्व वसूली करने में सक्षम नहीं है. हालात ऐसे ही रहें, तो आनेवाले समय में रांची नगर निगम को राजस्व का भारी नुकसान होगा. इसके लिए नगर आयुक्त ही पूरी तरह जवाबदेह होंगे. परिषद की बैठक में लिया गया निर्णय सर्वोपरि है. नगर निगम के किसी अधिकारी के पास यह शक्ति नहीं है कि वह परिषद के निर्णय को बदल सकें. नगर आयुक्त परिषद में लिये गये निर्णय के आधार पर कार्य करें.
Post by : Pritish Sahay