रांची (विशेष संवाददाता). इडी की जांच में खुलासा हुआ है कि ठेकेदार से कमीशन वसूलने के बाद इंजीनियर मंत्री के आप्त सचिव संजीव लाल को सूचित करते थे. संजीव लाल बिल्डर मुन्ना सिंह को पैसे लेने का निर्देश देते थे. मुन्ना सिंह अपने भाई या किसी आदमी के सहारे इंजीनियर से पैसा लेता था. उधर, संजीव लाल के निर्देश पर जहांगीर स्कूटर लेकर अभिनंदन मैरेज हॉल, रानी हॉस्पिटल या बताये गये स्थान पर जाता था. मुन्ना सिंह का आदमी जहांगीर को रुपये से भरा बैग देता था. जहांगीर उस बैग को लाकर फ्लैट में रखता था. इसके अलावा वह संजीव के निर्देश पर बैंक खाते में नकद जमा करता था. मुन्ना सिंह ने कमीशन के रूप में 53 करोड़ रुपये वसूल कर संजीव लाल के पास पहुंचाने की बात स्वीकार की है. इडी की पूछताछ में संजीव लाल ने कमीशन की रकम में से अपना हिस्सा 2.05 करोड़ रुपये लेने की बात स्वीकार की है. साथ ही इस रकम से बरियातू में जमीन खरीदने और घर बनाने के लिए मुन्ना सिंह को पैसा देने की बात स्वीकार की है. हालांकि, उसने कमीशन में मिली पूरी राशि के खर्च का हिसाब नहीं दिया है. पत्नी को बना रखा है मुन्ना सिंह का पार्टनर : इडी की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि संजीव लाल ने अपनी पत्नी रीता लाल को बिल्डर मुन्ना सिंह का पार्टनर बना रखा है. कमीशन की रकम को संजीव लाल द्वारा पत्नी की आमदनी के रूप में दिखाया जाता है. रीता लाल के नाम पर खूंटी में 3.56 एकड़ कृषि योग्य जमीन खरीदी गयी है. हालांकि, रीता लाल को इस जमीन के भुगतान के मामले में किसी तरह की जानकारी नहीं है. वह इस जमीन पर खेती से होनेवाली आमदनी को अपने आयकर रिटर्न में दिखाती है. संजीव लाल वेतन भोगी सरकारी कर्मचारी है. वह किसी तरह का व्यापार नहीं कर सकते हैं, लेकिन उनके खाते में भी भारी नकदी जमा है. इडी ने जांच में पाया कि संजीव लाल द्वारा आयकर रिटर्न में दिखायी गयी आमदनी से ज्यादा संबंधित वित्तीय वर्ष में उनके बैंक खाते में जमा है.
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