रांची के मांडर प्रखंड में लगा दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा मेला मंगलवार को संपन्न हो गया. 30 व 31 अक्टूबर को लगने वाले इस मुड़मा जतरा में खेल तमाशे, बिजली चालित झूले, मौत का कुआं, झूला, जादू के खेल व पारंपरिक वाद्य यंत्र, अस्त्र शस्त्र, शृंगार प्रसाधन, खाने-पीने के स्टॉल व खिलौने की सैकड़ों दुकानें सजी थीं. इसमें आदिवासी परंपरा व समृद्ध संस्कृति का अद्भुत नजारा दिखा. कई राज्यों के अलावा नेपाल से भी लोग इसमें शामिल हुए. जतरा में शामिल होने वाली भीड़ को लेकर प्रशासन की ओर व्यापक इंतजाम किए गए थे. मेला स्थल पर शांति व विधि व्यवस्था बनाये रखने के लिए पर्याप्त संख्या में दंडाधिकारियों के अलावा पुरुष व महिला पुलिस बल की तैनाती की गयी थी. जतरा के हर कोने पर नजर रखने के लिए 15 वॉच टावर बनाये गये थे. खास स्पॉट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. यहां ड्रोन कैमरे से भी निगरानी रखी जा रही थी. दो दिवसीय मुड़मा जतरा के दौरान यातायत व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए प्रशासन की ओर से एनएच 75 पर वाहनों का रूट डाइवर्ट कर दिया गया था. उद्घाटन समारोह में जहां झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी पहुंचे, वहीं समापन समारोह में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपस्थित हुए.
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VIDEO: मुड़मा मेले में दिखा झारखंड की आदिवासी परंपरा व समृद्ध संस्कृति का अद्भुत नजारा
रांची के मांडर प्रखंड में लगा दो दिवसीय ऐतिहासिक मुड़मा मेला मंगलवार को संपन्न हो गया. 30 व 31 अक्टूबर को लगने वाले इस मेले में खेल तमाशे, बिजली चालित झूले, मौत का कुआं, झूला, जादू के खेल व पारंपरिक वाद्य यंत्र, अस्त्र शस्त्र, शृंगार प्रसाधन, खाने-पीने के स्टॉल व खिलौने की सैकड़ों दुकानें सजी थीं.
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