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झारखंड में MVI की भारी कमी, 49 स्वीकृत पद में से में केवल 3 स्थायी, 1 के जिम्मे कई जिलों का प्रभार

जल संरक्षण व पेयजल के लिए नियुक्त होनेवाले इंजीनियर एमवीआइ के रूप में वाहनों का फिटनेस जांचते हैं. जबकि उनके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री का होना जरूरी है.

झारखंड की सड़कों पर आये दिन दुर्घटनाएं होती हैं. इसमें जान-माल का नुकसान होता है. दुर्घटनाओं में ट्रैफिक नियमों की अनदेखी के साथ-साथ वाहनों का फिटनेस भी एक बड़ा कारण होता है. दूसरी ओर, वाहनों का फिटनेस देखने के लिए जिम्मेवार मोटरयान निरीक्षकों (एमवीआइ) की भारी कमी है. राज्य में सिर्फ तीन रेगुलर एमवीआइ मुकेश कुमार, विजय गौतम व शाहनवाज खान कार्यरत हैं.

पेयजल व स्वच्छता तथा जल संसाधन विभाग के 15 जूनियर इंजीनियरों को एमवीआइ के पद पर रखा गया है. जल संरक्षण व पेयजल के लिए नियुक्त होनेवाले इंजीनियर एमवीआइ के रूप में वाहनों का फिटनेस जांचते हैं. जबकि एमवीआइ के पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री का होना जरूरी है.

एक-एक एमवीआइ को कई जिलों में अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया है. राज्य में एवीआइ के 49 पद स्वीकृत हैं. रेगुलर नियुक्ति सहित प्रतिनियुक्ति वाले 18 एमवीआइ से पूरे राज्य में काम लिया जा रहा है. उधर झारखंड प्रदेश बस ओनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सच्चिदानंद सिंह ने कहा कि पूर्व में जेएसएससी ने एमवीआइ की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की थी. 11 अभ्यर्थियों की नियुक्ति की अनुशंसा की गयी थी, जिन्हें अब तक नियुक्त नहीं किया गया है.

एमवीआइ की नियुक्ति के लिए टाइम लाइन बतायें : हाइकोर्ट

झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस एस चंद्रशेखर की अदालत ने अवमानना याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार के शपथ पत्र को देखते हुए एमवीआइ के रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया. परिवहन विभाग के सचिव को व्यक्तिगत रूप से शपथ पत्र दायर करने का निर्देश दिया. अदालत ने कहा कि शपथ पत्र में एमवीआइ की नियुक्त से संबंधित टाइमलाइन देते हुए बताया जाये कि कितने दिनों में अधियाचना झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) को भेजी जायेगी?

जेएसएससी कितने दिनों में विज्ञापन जारी करेगा? सारी प्रक्रिया पूरी कर कितने दिनों में एमवीआइ के पद पर नियुक्ति कर दी जायेगी? मामले की अगली सुनवाई के लिए अदालत ने 29 मार्च की तिथि निर्धारित की है. इससे पहले प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता कृष्ण मुरारी ने पक्ष रखते हुए अदालत को बताया कि अदालत के आदेश के बावजूद राज्य सरकार द्वारा एमवीआइ की नियुक्ति नहीं की गयी.

दशकों से एमवीआइ का पद खाली है. प्रतिनियुक्ति पर किसी प्रकार काम चलाया जा रहा है. सरकार के जवाब में ही कहा गया है कि राज्य में सिर्फ तीन नियमित एमवीआइ हैं. पेयजल व जल संसाधन के 15 जूनियर इंजीनियरों को एमवीआइ बनाया गया है. राज्य में 49 पद एमवीआइ का स्वीकृत हैं.

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