‘मायं माटी भाषा आऊर संस्कृति’ को मिला संगीत नाटक अकादमी, जानिए झारखंड के किन-किन कलाकारों को मिला अवॉर्ड
संगीत नाटक अकादमी की ओर से झारखंड की 'मायं माटी भाषा आऊर संस्कृति' के तहत जिन कलाकारों को पुरस्कार दिया गया, उनमें संथाली संगीत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2020 और 2021 के लिए दुर्गा प्रसाद मुर्मू को चयनित किया गया.
नई दिल्ली/रांची : संगीत नाटक अकादमी ने वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए पुरस्कारों का ऐलान कर दिया है. आजादी के अमृत महोत्सव के मौके पर पूरे भारत भर से करीब 86 कलाकारों को संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से नवाजा गया है. संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार में झारखंड की ‘मायं माटी भाषा आऊर संस्कृति’ को भी शामिल किया गया है. झारखंड के लोक नायक कलाकार नंदलाल नायक ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखा है कि वास्तव में मुझे गर्व है. मेरी सिफारिश को संगीत नाटक अकादमी परिषद ने स्वीकार किया, इसके लिए धन्यवाद. उन्होंने भरोसा दिया कि ‘मायं माटी भाषा आऊर संस्कृति’ के तहत भविष्य में और भी प्रस्तुति दी जाएगी.
झारखंड के किन कलाकारों को मिला पुरस्कार
संगीत नाटक अकादमी की ओर से झारखंड की ‘मायं माटी भाषा आऊर संस्कृति’ के तहत जिन कलाकारों को पुरस्कार दिया गया, उनमें संथाली संगीत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2020 और 2021 के लिए दुर्गा प्रसाद मुर्मू को चयनित किया गया. इसके अलावा, संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार 2021 के लिए दुर्गा प्रसाद मुर्मू, नागपुरी राग और रागनी के लिए महाबीर नायक को संगीत नाटक अकादमी अमृत पुरस्कार 2022 के लिए, संथाली संगीत उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 2020 और 2021 के लिए दुर्गा प्रसाद मुर्मू, घोड़ा नृत्य और कुरमाली संगीत के लिए बिनोद महतो, नागपुरी मर्दानी झुमर के जगदीश ब्रिक को चयनित किया गया.
संगीत नाटक के लिए 128 कलाकार चयनित
सामान्य परिषद ने संगीत नाटक के लिए संगीत, नृत्य, रंगमंच, पारंपरिक, लोक, जनजातीय संगीत, नृत्य, रंगमंच, कठपुतली कला के क्षेत्र से 128 कलाकारों का चयन किया. प्रदर्शन कला में समग्र योगदान, छात्रवृत्ति वर्ष 2019, 2020 और 2021 के लिए अकादमी पुरस्कार की सूची में इन कलाकारों में तीन संयुक्त पुरस्कार शामिल हैं. प्रख्यात कलाकार प्रदर्शन कला के संपूर्ण सरगम को कवर करते हैं जैसे कि मुखर संगीत, हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों (वाद्य संगीत, बांसुरी, सितार और मृदंगम सहित हिंदुस्तानी और कर्नाटक दोनों) सुगम संगीत और साथ ही हरिकथा, भारतीय नृत्य के प्रमुख रूप जैसे भरतनाट्यम, कथक, कथकली, कुचिपुड़ी, ओडिसी, सत्त्रिया, मोहिनीअट्टम और समकालीन नृत्य, नाटक लेखन, निर्देशन, अभिनय, शृंगार, प्रकाश व्यवस्था, मंच डिजाइन जैसे रंगमंच की विभिन्न विशेषज्ञताएं, इसाई नाटकम जैसे रंगमंच की अन्य प्रमुख परंपराएं, लोक और आदिवासी कलाओं के साथ-साथ कठपुतली और वाद्य यंत्र बनाने की कलाएं आदि शामिल हैं.
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पुरस्कार में मिलें 3 लाख रुपये
संगीत नाटक अकादमी, राष्ट्रीय संगीत, नृत्य और नाटक अकादमी, नई दिल्ली की सामान्य परिषद ने 6-8 नवंबर 2022 को नई दिल्ली में हुई अपनी बैठक में सर्वसम्मति से प्रदर्शन कला के क्षेत्र में 10 प्रतिष्ठित हस्तियों को अकादमी के पुरस्कार में चयनित किा. अकादमी की फैलोशिप एक सबसे प्रतिष्ठित और दुर्लभ सम्मान है, जो किसी भी समय 40 वर्ष तक सीमित है. 10 अध्येताओं के चुनाव के साथ संगीत नाटक अकादमी के 39 अध्येता हैं. अकादमी फेलो के सम्मान में 3,00,000 रुपये पुरस्कार राशि के तौर पर दिए जाते हैं, जबकि अकादमी पुरस्कार में एक ताम्रपत्र और अंगवस्त्रम के अलावा 1,00,000 रुपये की नकद राशि दी जाती है.