झारखंड के 15 निजी विवि में सिर्फ एक को नैक की मान्यता, कई ने शर्तों का किया उल्लंघन
शर्तों के मुताबिक संबंधित निजी विवि के पास अब तक अपनी जमीन नहीं है और न ही पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं दी गयी हैं. तीन विवि के पास अपनी जमीन है, लेकिन इसमें भी शर्तों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है
झारखंड में कुल 15 निजी विवि में एक को छोड़ कर किसी के पास भी नैक की ग्रेडिंग नहीं है. इसका खुलासा राज्यपाल के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा इन निजी विवि की जांच के लिए गठित की गयी चार सबकमेटी की रिपोर्ट में किया गया है. बताया गया है कि झारखंड में स्थित निजी विवि यूजीसी और राज्य सरकार के साथ समझौते के अनुरूप मापदंड का पूर्ण पालन नहीं कर रहे हैं.
रिपोर्ट में जानकारी दी गयी है कि शर्तों के मुताबिक संबंधित निजी विवि के पास अब तक अपनी जमीन नहीं है और न ही पर्याप्त आधारभूत सुविधाएं दी गयी हैं. तीन विवि के पास अपनी जमीन है, लेकिन इसमें भी शर्तों का पूरी तरह पालन नहीं किया गया है. एक-दो विवि ने जमीन ली है, लेकिन इतने वर्षों के बाद भी निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है.
कई शिक्षकों की शिकायतें भी दर्ज
सबकमेटी ने कई शिक्षकों की शिकायतें भी दर्ज करायी हैं, जिसके अनुसार शर्त के मुताबिक मानदेय/वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. रिपोर्ट में कई विवि के विद्यार्थियों को मापदंड के विरुद्ध डिप्लोमा और डिग्री सर्टिफिकेट देने की शिकायत भी की गयी है. रिपोर्ट में राज्यपाल सह कुलाधिपति को भी शिक्षकों व विद्यार्थियों द्वारा दिये गये आवेदन/ज्ञापन की छायाप्रति जमा की गयी है.
उच्चस्तरीय कमेटी ने विश्वविद्यालयों से मांगा जवाब
सबकमेटी की लगभग 40 पेज की जांच रिपोर्ट और अनुशंसा को लेकर मंगलवार को उच्चस्तरीय कमेटी ने अपनी पहली समीक्षा बैठक भी की है. इस पांच सदस्यीय उच्चस्तरीय कमेटी कमेटी की अध्यक्ष उच्च शिक्षा निदेशक गरिमा सिंह हैं, वहीं बतौर सदस्य रांची विवि के कुलपति, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के संयुक्त सचिव, पीके राय मेमोरियल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ बीके सिन्हा व डीएसपीएमयू की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ शालिनी लाल शामिल हैं.
उच्चस्तरीय कमेटी ने सबकमेटी की रिपोर्ट और अनुशंसा के आधार पर संबंधित विवि से एक माह में जवाब मांगने का निर्णय लिया है. साथ ही सभी विवि से कई बिंदुओं पर स्थल फोटोग्राफ की भी मांग की है. समीक्षा के बाद उच्चस्तरीय कमेटी अपनी फाइनल रिपोर्ट राज्यपाल सह कुलाधिपति को सौंपेगी. इसके बाद ही राज्यपाल इस पर अंतिम निर्णय लेंगे.
सबकमेटी ने इन बिंदुओं पर की जांच
सबकमेटी ने मुख्य रूप से राज्य में स्थित 15 निजी विवि के पास यूजीसी मापदंडों के अनुरूप भूमि, आधारभूत संरचना, उपलब्ध सुविधाएं, योग्य शिक्षक और उपलब्ध सुविधाओं के आधार पर विभिन्न कोर्स में नामांकन की संख्या का निर्धारण करने की जांच की है. इसके अलावा स्थापना के पांच वर्ष के अंदर नैक से ग्रेडिंग प्राप्त करने या नहीं करने, साथ ही समय-समय पर इसका रिन्यूअल कराने, एक वर्ष में कम से कम एक बार वार्षिक लेखा का ऑडिट कराने और विवि अधिनियम की शर्तों के अनुपालन आदि की जांच की है.