रांची: राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) ने बुधवार को झारखंड मंत्रालय सभागार में स्टेट क्रेडिट सेमिनार का आयोजन किया. इस दौरान नाबार्ड ने वर्ष 2023-24 में झारखंड के लिए 43,725 करोड़ रुपये की राज्य क्रेडिट योजना प्रस्तुत की. यह वित्तीय वर्ष 2022-23 के 34,458 करोड़ रुपये से करीब 9,267 करोड़ ज्यादा है.
कार्यक्रम का थीम-राज्य बजट का क्रेडिट प्लान के साथ प्रसार- रखा गया था. इस मौके पर नाबार्ड के सीजीएम एमएस राव ने स्टेट क्रेडिट सेमिनार के महत्व और उद्देश्य पर प्रकाश डाला. उन्होंने किसानों के लाभ के लिए राज्य में अधिक किसान उत्पादक संगठनों के गठन तथा उनके द्वारा हाई-टेक कृषि अपनाने पर जोर दिया.
उन्होंने समारोह के दौरान नाबार्ड की ओर से स्टेट फोकस पेपर प्रस्तुत किया. राव ने कहा कि झारखंड के रिजर्व वाटर एरिया में केज कल्चर की काफी संभावनाएं मौजूद हैं, जिसे बढ़ावा देना चाहिए. इस मौके पर रिजर्व बैंक के जीएम संजीव सिन्हा, बीओआइ के जीएम मनोज कुमार, झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक के अध्यक्ष पियूष भट्ट, एसएलबीसी के संयोजक सुबोध कुमार, कृषि विभाग के सचिव प्रदीप हजारी, मत्स्य विभाग के निदेशक एचएन द्विवेदी, आइसीएआर के निदेशक डॉ सुजय रक्षित सहित राज्य सरकार के अन्य अधिकारी मौजूद थे.
स्टेट फोकस पेपर में स्पष्ट किया गया है कि प्रदेश के सभी 24 जिलों में राज्य के 4000 करोड़ रुपये के कृषि ऋण के मुकाबले बैंकों द्वारा 15,000 करोड़ कर्ज दिया सकता है. राज्य के किसानों, महिलाओं और युवाओं के लिए कई योजनाओं में वित्तीय मदद में इजाफा किया गया है.
इस क्षेत्र को प्राथमिकता देने से बेरोजगारी, गरीबी और पलायन की स्थिति पर नियंत्रण किया जा सकेगा. इस बार केंद्र सरकार की तरह ही नाबार्ड का फोकस सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग पर दिखा. इस क्षेत्र में सबसे ज्यादा 51% ऋण संभावना देखते हुए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग में 22071.87 करोड़ रुपये का ऋण प्रस्ताव रखा गया है.
कृषि उत्पादन, मेंटनेंस और मार्केटिंग : 8024.66
ग्रामीण क्षेत्रों में कृषि लोन -इससे संबंधित क्षेत्रों के लिए : 4356.14
कृषि क्षेत्र में आधारभूत संरचना के विकास के लिए : 693.43
कुल एग्रीकल्चर क्रेडिट: 14630.40
सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग : 22071.87
एक्सपोर्ट क्रेडिट : 282.17
शिक्षा ऋण सपोर्ट : 1222.53
गृह ऋण : 2725.30
अक्षय ऊर्जा : 126.07
स्वयं सहायता समूह-जेएलजी : 2438.60