Jharkhand News : नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्र ने कहा है कि मानवाधिकार उल्लंघन की शिकायतें झारखंड सहित देश के हर राज्य से आती हैं. झारखंड में आज आयोग द्वारा 53 मामलों की सुनवाई की गयी. 22 मामलों को सुनवाई के बाद निष्पादित किया गया. मानवाधिकार उल्लंघन के 22 मामले में सरकार के अधिकारियों को दोषी पाया गया है. इन मामलों में 48.08 लाख रुपये पीड़ितों को मुआवजा भुगतान करने का आदेश दिया गया है. जस्टिस श्री मिश्र मंगलवार को रांची के धुर्वा स्थित झारखंड ज्यूडिशियल एकेडमी में आयोजित संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान एनएचआरसी के सदस्य, सचिव, राज्य आयोग के अध्यक्ष आदि उपस्थित थे.
शिकायत मिलने पर आयोग करता है कार्रवाई
नेशनल ह्यूमन राइट्स कमीशन (एनएचआरसी) के अध्यक्ष जस्टिस अरुण कुमार मिश्र ने कहा कि मानवाधिकार उल्लंघन की प्रकृति अलग-अलग होती हैं. शिकायत मिलने पर आयोग कार्रवाई करता है. मामले में अनुसंधान पूरा होने में विलंब होने पर शिकायतों की सुनवाई में भी विलंब होती है. आयोग का हमेशा प्रयास रहता है कि जल्द से जल्द मामलों का निष्पादन किया जाये, लेकिन अनुसंधान में विलंब होने से सुनवाई भी प्रभावित होती है.
पुलिस हिरासत में मौत की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे में देना अनिवार्य
जस्टिस मिश्र ने कहा कि थानों में मानवाधिकार उल्लंघन व टॉर्चर की भी शिकायतें मिलती हैं. इसके लिए लोगों को भी जागरूक होना होगा. पुलिस जब पूछताछ के लिए बुलाती है, तो लोग अपने साथ वकील को ले जा सकते हैं, जहां पूछताछ होती है, वहां सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए. उन्होंने कहा कि किसी प्रकार से टॉर्चर नहीं करना चाहिए. यह गलत है. पुलिस हिरासत में मौत के मामले की रिपोर्ट 24 से 48 घंटे में देनी होती है, इसे अनिवार्य बनाया गया है. अध्यक्ष जस्टिस मिश्र ने कहा कि झारखंड में आज आयोग द्वारा 53 मामलों की सुनवाई की गयी है. 22 मामलों को सुनवाई के बाद निष्पादित किया गया.
रिपोर्ट : राणा प्रताप, रांची