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National Lok Adalat 2022: रांची में 61 हजार से अधिक मामलों का निबटारा, 7 पीड़ितों को मिला 25 लाख मुआवजा

राष्ट्रीय लोक अदालत में रांची में 61 हजार से अधिक वादों का निष्पादन किया गया एवं 39 करोड़ से अधिक रुपयों का सेटलमेंट किया गया. सफल आयोजन के लिए न्यायिक दण्डाधिकारियों के लिए 23 बेंच एवं कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 19 बेंच का गठन किया गया था.

By Guru Swarup Mishra | November 12, 2022 10:51 PM

National Lok Adalat 2022: झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के कार्यपालक अध्यक्ष के निर्देश पर रांची सिविल कोर्ट में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. इसमें 61 हजार से अधिक मामलों का निबटारा किया गया. इस दौरान 7 पीड़ितों के बीच 25 लाख रुपये मुआवजा की राशि वितरित की गयी. राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए न्यायिक दण्डाधिकारियों के लिए 23 बेंच एवं कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 19 बेंच का गठन किया गया था.

39 करोड़ से अधिक रुपयों का सेटलमेंट

राष्ट्रीय लोक अदालत में कुल 61 हजार से अधिक वादों का निष्पादन किया गया एवं 39 करोड़ से अधिक रुपयों का सेटलमेंट किया गया. इसमें प्रीलिटिगेशन एवं लिटिगेशन के वादों का निष्पादन सम्मिलित है. राष्ट्रीय लोक अदालत के सफल आयोजन के लिए न्यायिक दण्डाधिकारियों के लिए 23 बेंच एवं कार्यपालक दण्डाधिकारियों के लिए 19 बेंच का गठन किया गया था. उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रशिकेष कुमार, एमएसीटी के पीओ मनीष, एजेसी दिनेश राय, डालसा के सचिव राकेश रंजन, आरडीबीए के अध्यक्ष शंभू प्रसाद अग्रवाल, न्यायिक पदाधिकारी, मध्यस्थ, पैनल अधिवक्ता, पीएलवी एवं अन्य लोग उपस्थित थे. स्वागत भाषण एवं मंच का संचालन डालसा सचिव राकेश रंजन ने किया.

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7 पीड़ितों को मुआवजा

राष्ट्रीय लोक अदालत के अवसर पर 07 पीड़ितों के बीच 25 लाख रुपये का वितरण झारखंड पीड़ित मुआवजा अधिनियम के तहत किया गया. डालसा के सचिव ने पीड़ितों से पीड़ित मुआवजा राशि का सही इस्तेमाल करने को कहा, ताकि उनके बच्चों का भविष्य सुधर सके.

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मामलों के निबटारे का सरल माध्यम है लोक अदालत

कुटुम्ब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश रशिकेश कुमार ने कहा कि पिछली बार आयोजित लोक अदालत की अपेक्षा इस बार अधिक वादों का निष्पादन हुआ है. एजेसी-1 दिनेश राय ने कहा कि लोक अदालत वादों के निष्पादन का एक सरल माध्यम है. इसमें धन व समय की बचत होती है. वादकारी मध्यस्थता के माध्यम से अपने वादों का निष्पादन कर सकते हैं.

आरडीबीए के अध्यक्ष ने की ये अपील

आरडीबीए के अध्यक्ष शंभू प्रसाद अग्रवाल ने उपस्थित सभी मध्यस्थों एवं अधिवक्ताओं से आग्रह किया कि न्याय प्रशासन के साथ मिलकर सहयोग करें एवं अधिक से अधिक लंबित वादों का निबटारा करें. आरडीबीए के सचिव संजय विद्रोही ने कहा कि लोक अदालत में मध्यस्थों एवं अधिवक्ताओं की भूमिका अहम होती है. उनके सहयोग से वादों का निष्पादन किया जाता है.

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