National Shooter Tara Shahdev Case: सीबीआई कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पीके शर्मा की अदालत में बहुचर्चित नेशनल शूटर तारा शाहदेव प्रकरण से जुड़े आठ वर्ष पुराने यौन उत्पीड़न, दहेज प्रताड़ना, जबरन धर्म परिवर्तन मामले में सुनवाई हुई. इस दौरान कोर्ट ने तीनों दोषियों रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन, हाईकोर्ट के बर्खास्त पूर्व रजिस्ट्रार (विजिलेंस) मुश्ताक अहमद और कोहली की मां कौशल रानी के खिलाफ सजा का एलान कर दिया है. CBI कोर्ट ने रंजित कोहली उर्फ रकीबुल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और पचास हजार का जुर्माना लगाया गया है. रंजीत कोहली, IPC की धारा 120B, 376, 323, 298,506 और 496 में दोषी पाया गया है. वहीं, कौशल रानी को IPC की धारा 120B, 298, 506 और 323 में दोषी पाया गया है. कौशल रानी को दस साल की सजा और पचास हजार का जुर्माना लगाया गया है. मुश्ताक अहमद को IPC की धारा 120B और 298 में दोषी पाया गया है. मुश्ताक अहमद को 15 साल सश्रम कारावास की सजा और पचास हजार जुर्माना लगाया गया है.
सात जुलाई 2014 को हुई थी तारा शाहदेव का विवाह
रंजीत सिंह कोहली व तारा शाहदेव का विवाह सात जुलाई 2014 को हुई थी. विवाह के बाद से ही तारा शाहदेव के साथ पति रकीबुल हसन द्वारा उत्पीड़न व मारपीट की घटनाएं होने लगी थी. धर्म छुपा कर विवाह करने, यौन उत्पीड़न, धर्म परिवर्तन के लिए प्रताड़ित करने का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की थी. बाद में झारखंड हाइकोर्ट के आदेश पर वर्ष 2015 में सीबीआइ ने मामले को टेकओवर करते हुए जांच शुरू की थी. जांच पूरी होने के बाद आरोपियों के खिलाफ वर्ष 2018 में चार्जशीट दायर की गयी थी.
तारा शाहदेव को कुत्ता ब्रूनाे से कटवाया जाता था
बता दें कि शादी के चार-पांच दिन बाद तारा शाहदेव को जबरन प्रतिबंधित मांस खिलाया गया था. साथ ही हिंदू धर्म के बारे में अनाप- शनाप बोलने के लिए कहा गया. रकीबुल का विरोध करने पर तारा को कमरे में बंद कर मारपीट किया जाता था. कुत्ता ब्रूनाे से कटवाया जाता था. तारा को प्रताड़ित करने के मामले में हिंदपीढ़ी थाना में रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल और उसकी मां कौशल रानी के खिलाफ 19 अगस्त 2014 को मामला दर्ज कराया गया था. इसमें धर्म परिर्वतन, यौन उत्पीड़न और दहेज प्रताड़ना का आरोप लगाया गया था. झारखंड पुलिस ने अदालत में धारा 34/498 ए के तहत रंजीत कोहली और उसकी मां कौशल रानी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की. लेकिन पुलिस की ओर से दाखिल चार्जशीट से तारा शाहदेव संतुष्ट नहीं थी. तारा ने पुलिस की जांच का पुरजोर विरोध किया.