रांची: केंद्रीय विश्वविद्यालय झारखंड (सीयूजे) के चेड़ी-मनातू स्थित स्थायी परिसर में स्वामी विवेकानंद की जयंती (राष्ट्रीय युवा दिवस) पर शुक्रवार को झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने उनकी प्रतिमा का अनावरण किया. इसे लेकर विश्वविद्यालय परिसर में भव्य कार्यक्रम आयोजन किया गया. 10 फीट ऊंची पत्थर की यह प्रतिमा राजस्थान से बनकर आई है. इसमें स्वामी विवेकानंद गेरुआ वस्र में हैं और बाएं हाथ में किताब है. इसे सीयूजे के प्रशासनिक भवन के सामने स्थापित किया गया है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि देश के युवा भारत के सुनहरा भविष्य हैं, उन्हें स्वामी विवेकानंद के बताए मार्ग पर चलना चाहिए. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बंगाल में स्वामी जी के आश्रम में लंबा वक्त बीता चुके हैं, जिसका नतीजा है कि आज राष्ट्र के पास सबसे शक्ततशाली प्रधानमंत्री है.
राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने दिया आश्वासन
झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहा कि युवाओं को ज्यादा से ज्यादा स्वामी विवेकानंद का अध्ययन करना चाहिए. उन्होंने विश्वविद्यालय को रिंग रोड से जोड़ने वाली सड़क की जर्जर हालत पर चिंता जताई और विश्वविद्यालय को भरोसा दिलाया कि इसे दुरूस्त करने को लेकर संबंधित अधिकारियों को उचित निर्देश देंगे. इसके अलावा विश्वविद्यालय की जो भी समस्याएं हैं, उन्हें दूर करने के लिए वो हर संभव प्रयास करेंगे.
युवाओं के लिए आदर्श हैं स्वामी विवेकानंद
सीयूजे के कुलपति प्रो क्षिति भूषण दास ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सही मायने में युवाओं के लिए आदर्श व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने सबसे पहले विकसित भारत की परिभाषा दी थी. ऐसे में हमारे विद्यार्थी विश्वविद्यालय परिसर में उनकी प्रतिमा को देखकर और उनके विचारों से अवगत होकर 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को मूर्त देने के लिए प्रेरित होंगे. कार्यक्रम में स्वागत भाषण प्रो के बी पांडा ने दिया, वहीं समापन भाषण कुलसचिव केके राव ने दिया. कार्यक्रम के दौरान विश्वविद्यालय के छात्रों ने गायन प्रस्तुति से सबका मनमोह लिया. इसके अलावा विश्वविद्यालय के शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी व काफी संख्या में छात्र मौजूद रहे.
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