NCRB की रिपोर्ट में खुलासा: झारखंड में 43 लड़के व 125 लड़कियों की तस्करी, इनमें 129 नाबालिग
जबरन मजदूरी कराने के लिए 90, यौन शोषण और वेश्यावृत्ति के लिए दो, घरेलू गुलामी के लिए 57, जबरन शादी के लिए एक और अन्य कारणों से दो मामले सामने आये हैं.
रांची : झारखंड में नक्सल के बाद मानव तस्करी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है. नेशनल क्राइम रिकाॅर्डस ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड में वर्ष 2022 में 45 लड़के और 125 लड़कियों की तस्करी हुई है. इनमें 33 लड़के और 96 लड़कियां नाबालिग हैं. यानी 18 वर्ष से कम उम्र के हैं. जबकि 18 वर्ष या इससे ऊपर के 10 लड़के और 29 लड़कियों की तस्करी हुई है. मामले में राज्य के विभिन्न जिलों के एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट में कुल 100 केस दर्ज किये गये हैं. झारखंड के 24 जिलों में एक-एक एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (एएचटी यूनिट) है. एनसीआरबी के अनुसार 18 वर्ष से कम उम्र के 33 लड़के और 80 लड़कियों को रेस्क्यू कराया गया है. जबकि 18 वर्ष या इससे अधिक उम्र के 10 लड़के और 29 लड़कियों को भी रेस्क्यू किया गया है. यानी कुल 43 लड़के और 109 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया है.
किस मकसद से किया गया ह्यूमन ट्रैफिकिंग
एनसीआरबी के अनुसार कई तरह के कार्यों के लिए वर्ष 2022 में झारखंड से लड़के-लड़कियों की तस्करी की गयी है. जबरन मजदूरी कराने के लिए 90, यौन शोषण और वेश्यावृत्ति के लिए दो, घरेलू गुलामी के लिए 57, जबरन शादी के लिए एक और अन्य कारणों से दो मामले सामने आये हैं.
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वर्ष 2022 में 100 केस दर्ज हुए
एनसीआरबी के अनुसार वर्ष 2022 में कुल 100 केस झारखंड में दर्ज हुए. 49 केस में पुलिस ने चार्जशीट किया. वहीं 27 केस में फाइनल रिपोर्ट दाखिल की गयी. पुलिस का केस में चार्जशीट की दर 64.5 प्रतिशत रही. केस में 131 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. इनमें से 87 के खिलाफ पुलिस ने चार्जशीट किया. कोर्ट ने 19 आरोपियों को दोषी करार दिया. वहीं 22 आरोपी बरी हो गये. कोर्ट में 31 मामले ऐसे थे, जिसमें ट्रायल पूरा हो गया था. जबकि केस में कनविक्शन दर 45.2 प्रतिशत रही.