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Live updates on COVID-19 : कोरोना वायरस के खिलाफ रांची में NDRF ने भी संभाला मोर्चा

NDRF spreading awareness to fight Coronavirus in Ranchi district of Jharkhand. बाढ़ (Flood) एवं भूकंप (EarthQuake) जैसी प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) में लोगों को राहत पहुंचाने में एनडीआरएफ (NDRF) की अहम भूमिका होती है. दुनिया भर में आतंक मचा देने वाली Coronavirus के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर एनडीआरएफ ने मानवता की मिसाल पेश की है. कोरोना वायरस (Coronavirus) से दुनिया भर में एक लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हैं और करीब 3,500 लोगों की मौत हो चुकी है.

By Mithilesh Jha | March 7, 2020 1:29 PM
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रांची : दुनिया भर के डॉक्टरों के लिए अबूझ पहेली बन चुके कोरोना वायरस (Coronavirus) के खिलाफ झारखंड में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) ने मोर्चा संभाल लिया है. एनडीआरएफ की टीम प्रदेश में अलग-अलग जगहों पर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर रही है. एनडीआरएफ के कमांडेंट के निर्देश पर एक टीम ने राजधानी रांची के हटिया रेलवे स्टेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया.

इस दौरान लोगों को कोरोना वायरस से बचाव एवं इसकी रोकथाम के प्रति लोगों को जागरूक किया गया. एनडीआरएफ टीम के निरीक्षक मोहम्मद कलामुद्दीन की अगुवाई में हुई कार्यशाला में लोगों को कोरोना वायरस के लक्षण और इससे बचाव के बारे में बताया गया. बताया गया कि इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं.

टीम ने कार्यशाला में मौजूद लोगों को बताया कि सर्दी-खांसी के साथ सांस लेने में थोड़ी तकलीफ हो या नाक बहने लगे, तो यह न मान बैठें कि आप कोरोना वायरस से पीड़ित हैं. कोरोना परिवार के कुछ वायरस जैसे सार्स (सिवियर एक्यूट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) और मर्स (मिडल ईस्ट रेसपिरेटरी सिंड्रोम) बेहद खतरनाक होते हैं.

उन्होंने बताया कि चीन के वुहान से शुरू हुई इस महामारी के लिए जिम्मेदार विषाणु को नॉवेल कोरोना वायरस या COVID19 नाम दिया गया है. कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में इसकी शुरुआत बुखार से होती है. फिर सूखी खांसी का हमला होता है. हफ्ते भर तक ऐसी ही स्थिति रहे, तो सांस की तकलीफ भी शुरू हो जाती है.

मोहम्मद कलामुद्दीन ने कहा कि गंभीर मामलों में यह संक्रमण निमोनिया या सार्स बन जाता है. किडनी फेल होने की स्थिति बन जाती है और मरीज की मौत भी हो जाती है. उन्होंने कहा कि कोरोना के ज्यादातर मरीज उम्रदराज लोग हैं, खासकर वे, जो पहले से ही पार्किंसन या डायबिटीज जैसी बीमारियों से जूझ रहे हों.

मोहम्मद कलीमुद्दीन ने कोरोना से बचाव के उपाय भी बताये. उन्होंने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने प्रभावित इलाके के लोगों को सामान्य एहतियात बरतने की सलाह दी है, ताकि संक्रमण के खतरे को कम किया जा सके. इन उपायों में हाथ को साफ रखना, मास्क पहनना और खान-पान की सलाह शामिल है.

सांसों की किसी तकलीफ से संक्रमित मरीजों के करीब जाने से लोगों को बचने की सलाह भी दी गयी है. कहा गया है कि नियमित रूप से हाथ को साफ करते रहें, खासकर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के फौरन बाद. पालतू या जंगली जानवरों से भी दूर रहने की सलाह दी गयी है. कहा गया है कि कच्चा या अधपका मांस का सेवन न करें.

मोहम्मद कलीमुद्दीन ने कहा कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों को छींकते समय अपने मुंह पर रुमाल जरूर रखना चाहिए, नहीं तो सामने वाला भी इससे संक्रमित हो सकता है. सामने वाले को भी ऐसी सूरत में अपनी सुरक्षा करनी चाहिए. ऐसी स्थिति में नाक पर कपड़ा या टिशू पेपर रखें, सामने खड़े व्यक्ति से फासला बनाकर रखें. स्वच्छता पर ध्यान दें. विश्व स्वास्थ्य संगठन को ऐसे कई साक्ष्य मिले हैं, जिनमें रोगी के पास रहने वाले लोगों के भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है.

यहां बताना प्रासंगिक होगा कि देश में बाढ़ एवं भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा में लोगों को राहत पहुंचाने में एनडीआरएफ की अहम भूमिका होती है. दुनिया भर में आतंक मचा देने वाली इस बीमारी के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाकर एनडीआरएफ ने मानवता की मिसाल पेश की है. कोरोना वायरस से दुनिया भर में एक लाख से ज्यादा लोग पीड़ित हैं और करीब 3,500 लोगों की मौत हो चुकी है. झारखंड में कई संदिग्ध को अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन किसी में यह जानलेवा वायरस नहीं मिला.

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