बाढ़ में फंसे लोगों को कैसे रेस्क्यू करें, झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण व NDRF ने धुर्वा डैम में बताया

ब्रिगेडियर बीरेंद्र ठाकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी विभागों के आपदा से पहले एवं आपदा के समय अपनी तैयारी को पुख्ता रखने का है, ताकि जान-माल को कम से कम नुकसान हो. उन्होंने कहा कि अभ्यास से ही निपुणता आती है, इसलिए अभ्यास करते रहना जरूरी है.

By Mithilesh Jha | December 21, 2023 8:34 PM
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झारखंड की राजधानी रांची समेत सभी 24 जिलों में एक साथ बाढ़ से निबटने के तरीके के बारे में बताया गया. झारखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीआरएफ) की पहल पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने बृहस्पतिवार (21 दिसंबर) को मॉक ड्रिल करके बताया कि राज्य में कहीं भी बाढ़ आ जाए, तो वहां फंसे लोगों को कैसे रेस्क्यू किया जाता है. राजधानी रांची के धुर्वा डैम समेत अलग-अलग जिलों में मॉक ड्रिल किया गया.

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मॉक ड्रिल में यह भी बताया गया कि बाढ़ में घिरे लोगों तक राहत एवं चिकित्सा सामग्री पहुंचाने के लिए किस तरह से अन्य विभागों के साथ समन्वय बनाया जाता है. कैसे राहत एवं चिकित्सा सामग्री उन तक पहुंचाई जाती है. एनडीआरएफ के ब्रिगेडियर बीरेंद्र ठाकर के मार्गदर्शन में पूरा मॉक ड्रिल हुआ.

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ब्रिगेडियर बीरेंद्र ठाकर ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी विभागों के आपदा से पहले एवं आपदा के समय अपनी तैयारी को पुख्ता रखने का है, ताकि जान-माल को कम से कम नुकसान हो. उन्होंने कहा कि अभ्यास से ही निपुणता आती है, इसलिए अभ्यास करते रहना जरूरी है.

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आपदा प्रबंधन विभाग के उप सचिव राकेश कुमार ने कहा कि मॉक ड्रिल का मकसद यही है कि किसी भी आपदा के दौरान सभी विभागों के साथ मिलकर कैसे काम करें. कहा कि आपदा के दौरान बचाव, पुनर्वास और बुनियादी ढांचे को बहाल करना हमारा मुख्य उद्देश्य है.

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उन्होंने कहा कि मान्यता है कि आप शांति के समय में जितना पसीना बहाते हैं, आपदा के दिनों में उतना कम नुकसान होता है. इसलिए हम ये मॉक ड्रिल कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीम ने बाढ़ के सिचुएशन को दर्शाया और उसमें फंसे लोगों को अलग-अलग तरीके से बचाया गया. इसका एक लाइव डेमो दिया.

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ड्राई रेस्क्यू और वेट रेस्क्यू की जानकारी दी गई कि कैसे बाढ़ में फंसे लोगों को बचाया जा सकेगा. साथ ही चिकित्सा दल ने एक डेमो दिया कि रेस्क्यू किए गए लोगों तक किस प्रकार चिकित्सा सुविधा जल्द से जल्द पहुंचाई जाए.

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मॉक ड्रिल में एनडीआरएफ की पांच टीमें, एसडीआरएफ की की एक टीम के अलावा बिजली विभाग, बीएसएनएल, मेडिकल टीम, नगर निगम, पुलिस विभाग, परिवहन विभाग, पेयजल विभाग, जिला प्रशासन के पदाधिकारी और अग्निशामक दल ने भाग लिया. मॉक ड्रिल के अवसर पर सभी संबंधित विभागों के पदाधिकारी सहित आसपास के लोग उपस्थित थे.

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