ranchi news : मामला रांची विवि में नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति का, आठ वर्ष सेवा की लेकिन मेरिट लिस्ट में अतिथि शिक्षकों के नाम ही नहीं
ranchi news : रांची विवि में आठ वर्ष से अधिक समय से सेवा देने वाले अतिथि शिक्षक नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मेरिट लिस्ट से बाहर हो गये.
रांची. रांची विवि में आठ वर्ष से अधिक समय से सेवा देने वाले अतिथि शिक्षक नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति मेरिट लिस्ट से बाहर हो गये. अब इस उम्र में इन अतिथि शिक्षकों के समक्ष रोजी-रोटी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. विवि द्वारा जारी 15 विषयों के मेरिट लिस्ट में अब तक चार विषयों में 11 अतिथि शिक्षकों का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है. मेरिट लिस्ट में नाम नहीं रहने से अब ये शिक्षक हताश हैं. जानकारी के अनुसार भूगोल विषय में कुल आठ अतिथि शिक्षकों में से सात शिक्षकों का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है. इनमें अरविंद प्रसाद, प्रेम शंकर तिवारी, राजेश डांगा, रीना कुमारी, निहारिका महतो, शिव कुमार शामिल हैं. इसी प्रकार जंतुविज्ञान में कुल तीन अतिथि शिक्षकों में सुरभि जोशी, धीरज सिंह सूर्यवंशी का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है. कुड़ुख में एक मात्र अतिथि शिक्षक रेखा कुमारी व गणित में रंजीत कुमार का नाम मेरिट लिस्ट में नहीं है. विवि द्वारा अन्य विषयों की सूची जारी होने के बाद ही पता चल सकेगा कि उसमें अतिथि शिक्षक शामिल हैं या नहीं.
14 माह से नहीं मिला मानदेय
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि विवि में कार्य कर रहे (अक्तूबर 2024 से नहीं) 124 अतिथि शिक्षकों को पिछले 14 माह से मानदेय का भी भुगतान नहीं हो सका है. दूसरी तरफ मेरिट लिस्ट में नाम तक नहीं आने से नौकरी भी मिलने की उम्मीद टूट गयी है. आठ वर्ष सेवा करने के बाद अब वे लोग इस उम्र में कहां जायेंगे. राज्य सरकार ने विद्यार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए द्वितीय पाली में भी कक्षा संचालित करने की बात कही, लेकिन यह भी संभव नहीं हो पा रहा है.अतिथि शिक्षकों ने कुलपति से लगायी गुहार
अतिथि शिक्षक संघ के बैनर तले कई शिक्षक गुरुवार को रांची विवि के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा से मुलाकात कर गुहार लगयी है. शिक्षकों ने कहा है कि विवि अतिथि शिक्षकों को पांच अंक से अधिक अंक की प्राथमिकता दी जाये. साथ ही पदों की संख्या भी बढ़ायी जाये. अतिथि शिक्षक स्वीकृत पद के विरूद्ध ही कार्य कर रहे थे, फिर भी जितने अतिथि शिक्षक हैं, उससे भी कम पद पर नियुक्ति की जा रही है. शिक्षकों को 57,700 रुपये के साथ-साथ 50 हजार रुपये भी प्रतिमाह नहीं मिले.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है