रांची (विशेष संवाददाता). नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर संघ ने असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति में उन्हें वेटेज देने की सरकार की घोषणा का स्वागत किया है. साथ ही संघ ने सरकार से पूर्व की नियुक्ति नियमावली में संशोधन करने की मांग की है. ताकी सभी नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर को पहले समायोजित किया जा सके. इसी मुद्दे को लेकर नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर संघ ने विधायक प्रदीप यादव से मुलाकात कर उनका आभार जताया है. संघ के अध्यक्ष डॉ त्रिभुवन कुमार शाही ने कहा है कि सरकार संघ की मांगों पर गौर करने के बाद ही बाकी नियुक्ति शुरू करे. संघ ने कहा कि विधानसभा सत्र में नीड बेस्ड असिस्टेंट प्रोफेसर की समस्याओं को सही तरीके रखा गया. इसके लिए संघ आभार व्यक्त करता है. डॉ शाही ने कहा कि उनकी नियुक्ति नियमानुसार की गयी है. राज्य के विवि व कॉलेज में स्वीकृत रिक्त पदों के विरुद्ध लगभग 700 शिक्षक कार्यरत हैं. संघ ने कहा है कि जेपीएससी को असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए जिन पदों की अधियाचना भेजी गयी है, उनमें कुछ कॉलेजों/विवि में जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा का पद सृजन नहीं हुआ, यह गंभीर विषय है. डॉ मुकेश उरांव ने कहा कि उनकी योग्यता व लंबी सेवा अवधि के अनुभव को ध्यान में रखते हुए सरकार कल्याणकारी नीति बनाकर समायोजन/नियमितीकरण करे. मौके पर विधायक प्रदीप कुमार यादव ने शिक्षकों से कहा कि उनकी मांगें जायज हैं, वह लोग इस मामले को लेकर एक बार मुख्यमंत्री से मिलें व ज्ञापन दें. इस अवसर पर डॉ उषा किड़ो, डॉ राजश्री इंदौर, डॉ कन्हैयालाल, डॉ अभिषेक गुप्ता, डॉ संतोष कुमार, डॉ संजीव, डॉ संजय, डॉ मनोज, डॉ जितेंद्र सिंह, डॉ मल्टी लकड़ा, डॉ श्याम प्रकाश, डॉ मृत्युंजय कोईरी, डॉ विजय कुमार, डॉ कर्म कुमार, डॉ बाला पन्ना. डॉ मधुमिता, डॉ जुरा होरो, डॉ जीतु लाल, डॉ आभा कुमारी, डॉ अश्वनी कुमार सिंह, डॉ सुनीता सिंह, डॉ करुणा खलखो. डॉ कंचन बरनवाल, डॉ ज्योति चौधरी आदि उपस्थित थे.
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