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Ranchi News : मुकदमेबाजी के बजाय परिवार की परवरिश पर ध्यान देने की जरूरत : जस्टिस प्रसाद

त्वरित न्याय पाने का सशक्त माध्यम है लोक अदालत

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रांची. झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के दिशा-निर्देश पर झारखंड हाइकोर्ट व राज्य के सभी जिलों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया. न्याय सदन डोरंडा के सभागार में आयोजित समारोह में हाइकोर्ट के वरीय न्यायाधीश व झालसा के कार्यकारी अध्यक्ष जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद ने नेशनल लोक अदालत का उदघाटन किया. उन्होंने संपूर्ण झारखंड में पंचायत स्तर पर 1030 नयी विधिक सहायता क्लीनिक की स्थापना तथा एक 90 दिवसीय व्यापक विधिक जागरूकता कार्यक्रम का भी उद्घाटन किया. जस्टिस ने कहा कि मुकदमेबाजी के बजाय लोगों को परिवार की परवरिश पर ध्यान देना चाहिए. मुकदमेबाजी में उलझने से एक आम आदमी का सामान्य जीवन बाधित हो जाता है और वह अपने दैनिक जीवन पर ध्यान केंद्रित नहीं कर पाता है, बल्कि वह अदालतों के चक्कर लगाने में ही व्यस्त रहता है. केस का फैसला आने में वर्षों लग जाते हैं. लोक अदालतें यहां काम आती हैं और मुकदमे के निपटारे में मदद करती हैं. लोक अदालत से नि:शुल्क व त्वरित न्याय मिलता है. इसके फैसले को किसी भी अदालत में चुनाैती भी नहीं दी जा सकती है. जस्टिस प्रसाद ने आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए प्रथम स्थान हासिल करने पर झारखंड के एलएडीसी को बधाई दी. कहा कि एलएडीसी को जिरह पर अधिक ध्यान देना चाहिए. जेल पीएलवी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, ताकि प्रत्येक कैदी की अपील को अदालत के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके. जस्टिस प्रसाद ने कहा कि पैनल वकीलों की फीस संरचना में वृद्धि के लिए झालसा के सदस्य सचिव से भी परामर्श किया गया है. वर्तमान में शुल्क बहुत कम है और इसे बढ़ाने की आवश्यकता है, ताकि पैनल वकीलों को विधिक सहायता मामलों में अधिक विश्वास हो और वे विधिक सहायता मामलों पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकें. पंचायत स्तर पर विधिक सेवा क्लिनिक खोलने का मुख्य उद्देश्य यह है कि न्याय वास्तव में गांवों व जिले के हर कोने में आम आदमी के दरवाजे तक पहुंचे. इससे पूर्व झालसा की सदस्य सचिव कुमारी रंजना अस्थाना ने अतिथियों का स्वागत किया. जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद की पहल पर लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का भी वितरण किया गया. मौके पर पैनल अधिवक्तागण, मध्यस्थ, एलएडीसी, पीएलवी आदि उपस्थित थे. 2024 के अंतिम नेशनल लोक अदालत में निबटाये गये 16,70,146 मामले : वर्ष 2024 के अंतिम नेशनल लोक अदालत के माध्यम से राज्य में कुल 15,45,112 प्री-लिटिगेशन व अदालतों में लंबित 1,25,034 मामलों का त्वरित निष्पादन किया गया. 17,36,01,90,237 रुपये का सेटलमेंट किया गया. उधर, झारखंड हाइकोर्ट विधिक सेवा समिति द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत में 45 मामलों का निष्पादन किया गया, जिसमें प्री लिटिगेशन के 10 व 35 लंबित मामले शामिल हैं. इसके लिए दो बेंचों का गठन किया गया था. इसमें सभी प्रकार के विवाद पूर्व व आपराधिक सुलहनीय मामले, चेक बाउंस, बिजली चोरी, उत्पाद, वन, मापतौल, वैवाहिक प्रकृति के मामले व दीवानी मामलों का निष्पादन किया गया.

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