नीलकंठ सिंह मुंडा बोले- BJP सरकार के काम को अपना बता तारीफ बटोरने में लगी है हेमंत सरकार
नीलकंठ सिंह मुंडा ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार अपने चहेतों को काम दिलाने के कारण पहले संवेदक तय कर देती है और काम पूरा होने पर टेंडर निकालती है. कहा कि बीते चार वर्षो में झारखंड राज्य में भ्रष्टाचार ने सारे रिकाॅर्ड तोड़ डाले हैं
रांची : भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने पथ एवं भवन निर्माण विभाग की चार साल की उपलब्धियों पर पलटवार किया है. श्री मुंडा ने गुरुवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि झारखंड सरकार राज्य की जनता को बेवकूफ बनाने में लगी है. राज्य सरकार द्वारा रघुवर सरकार के किये किये गये कामों को अपना बताकर वाहवाही लूटने में लगी है. उन्होंने कहा कि जिस झारखंड भवन को हेमंत सरकार अपनी सरकार की उपलब्धी बताने में लगी है, वह रघुवर सरकार की देन है. साथ ही झारखंड विधानसभा, झारखंड उच्च न्यायलय, रांची प्रेस क्लब भवन, हज हाउस जैसे भवनों का निर्माण कार्य भाजपा सरकार की देन है. श्री मुंडा ने कहा कि रघुवर सरकार के पांच वर्ष के कार्यकाल में 22,865 किमी सड़क का निर्माण किया गया था.
वहीं राज्य सरकार के प्रेस वार्ता के माध्यम से बताया गया कि मात्र 5200 किमी सड़क ही हेमंत सरकार में बन पायी है. उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार अपने चहेतों को काम दिलाने के कारण पहले संवेदक तय कर देती है और काम पूरा होने पर टेंडर निकालती है. कहा कि बीते चार वर्षो में झारखंड राज्य में भ्रष्टाचार ने सारे रिकाॅर्ड तोड़ डाले हैं. स्वाभाविक है, भवन निर्माण विभाग और पथ विभाग इससे अछूता नहीं है. पूरे राज्य में विभागों में लूट मची है. यह विभाग कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार का अड्डा बना हुआ है. श्री मुंडा ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के नौ महीने में भवन निर्माण के योजना बजट की 5350 करोड़ की कुल राशि में से 44.61 प्रतिशत राशि ही खर्च हो सकी है.
भवन निर्माण विभाग में स्वीकृत 1749 पद के मुकाबले केवल 497 ही कार्यरत हैं, जबकि 1252 पद रिक्त हैं. विभाग के अफसर गाइडलाइन को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहे हैं. जमशेदपुर सर्किट हाउस भवन की 6.76 लाख रुपये की मरम्मति, सर्किट हाउस चहारदीवारी की 4.98 लाख रुपये से मरम्मति, 24.87 लाख की लागत से भालकी पंचायत भवन और इतनी ही लागत से सिंहपुरा पंचायत भवन की मरम्मति कार्य का मामला एक उदाहरण भर है. इन योजनाओं का टेंडर काम होने के बाद निकाला गया. श्री मुंडा ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के नौ महीने में पथ निर्माण के योजना बजट की 631 करोड़ की कुल राशि में से 56.65 प्रतिशत राशि ही खर्च हो सकी है. पथ निर्माण विभाग में स्वीकृत 3601 पद के मुकाबले केवल 1654 ही कार्यरत हैं, जबकि 1947 पद रिक्त है.