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झारखंड के 45 विद्यार्थी चुने गए एनईपी सारथी, इनमें हैं 30 छात्राएं, इनके जिम्मे होंगे ये अहम कार्य

NEP SAARTHI: झारखंड के 45 विद्यार्थी एनईपी सारथी बनाए गए हैं. देशभर के 117 उच्च शिक्षण संस्थानों में से 725 विद्यार्थियों का चयन किया गया है. इनके जिम्मे कई अहम कार्य होंगे.

NEP SAARTHI: रांची, संजीव सिंह-देशभर में नयी शिक्षा नीति का उच्च शिक्षण संस्थानों में प्रचार-प्रसार करने के लिए यूजीसी ने कुल 117 उच्च शिक्षण संस्थानों से 725 विद्यार्थियों का चयन एनईपी सारथी के रूप में किया है. सारथी यानी स्टूडेंट अंबेसडर फॉर एकेडमिक रिफॉर्म इन ट्रांसफॉर्मिंग हायर एजुकेशन इन इंडिया के रूप में झारखंड के 45 विद्यार्थी चुने गये हैं. इनमें बीआईटी मेसरा के छह, जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के नौ, अरका जैन विश्वविद्यालय के नौ, नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय जमशेदपुर के नौ, सरला बिरला विश्वविद्यालय रांची के नौ और श्रीनाथ विश्वविद्यालय के तीन विद्यार्थी शामिल हैं. इनमें 30 लड़कियां हैं. एनईपी सारथी के लिए चुने गए छात्रों को यूजीसी और विश्वविद्यालय द्वारा सर्टिफिकेट ऑफ रिकग्निशन दिया जायेगा. उन्हें यूजीसी के ऑनलाइन कार्यक्रमों में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा. इसके अलावा उनके लेख यूजीसी के न्यूजलेटर में प्रकाशित किये जायेंगे.

कई संस्थानों से विद्यार्थियों का हुआ चयन


चयनित विद्यार्थियों में बीआईटी मेसरा से सौमरूप नागा, वंदना ओझा, कोमल सिंह, रिया नायक, प्रदीप रंजन लाहा व जसिका कुमारी, जमशेदपुर वीमेंस विवि से प्रियांजलि, संचिता गुहा, स्नेह सुमन, अंकिता सेतुआ, ईशा भगत, देबोश्री मुर्मू, गजाला परवीण, अनिमा कुमारी व मेंद्रिता चटर्जी, नेताजी सुभाष विवि से अंकुश कुमार सिंह, शालू कुमारी, गुरप्रीत कौर, कल्प निवास, कोमल शर्मा, सबरीना बिलाल, ओंतिका कोलय, ओम झा व अनमोल आनंद शामिल हैं. वहीं सरला बिरला विवि से हर्ष गुप्ता, अयान हुसैन, शशांक कुमार गुप्ता, आकाश सफल, करण महतो, मानसी सिंह, तनिष्का शर्मा, कृतिका व अदिति कुमारी, श्रीनाथ विवि से प्रेम कुमार, कशिश कुमारी व कबीर नंदी, अरका जैन विवि से दिवाकर दे रेड्डी, कृतिका कुमारी, गुरप्रीत सिंह, सिमरन कुमारी, दृष्टि बागची, सागर कुमार, प्रतिभा शैली, निकिता कुमारी व शशि संगीता बाड़ा शामिल हैं.

सरकारी और निजी विश्वविद्यालय ने नहीं ली रुचि


झारखंड के रांची विश्वविद्यालय, विनोबा भावे विश्वविद्यालय, कोल्हान विश्वविद्यालय, नीलांबर पीतांबर विश्वविद्यालय, सिदो-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय, झारखंड रक्षा शक्ति विश्वविद्यालय, झारखंड राज्य ओपन यूनिवर्सिटी, बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय, डीएसपीएमयू, बीएयू सहित अन्य विश्वविद्यालयों और संस्थानों ने एनईपी सारथी बनाने में रुचि नहीं ली. यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों से एनईपी सारथी के लिए विद्यार्थियों के नाम मांगे थे.

एनईपी सारथी के जिम्मे होंगे अहम कार्य


एनईपी सारथी के जिम्मे कई कार्य दिये गये हैं. इनमें एनईपी-2020 के बारे में जागरूकता पैदा करना, छात्रों को एनईपी की पहलों के बारे में बताना, एनईपी के कार्यान्वयन में सुधार के लिए छात्रों से फीडबैक लेना, एनईपी की पहल से लाभ उठाने के तरीके के बारे में छात्रों और संस्थानों का मार्गदर्शन करना, छात्रों, संकाय, प्रशासकों और यूजीसी के बीच संवाद स्थापित करना, सोशल मीडिया पर एनईपी की पहल को बढ़ावा देना, एनईपी की पहल के बारे में आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करना, विश्वविद्यालय और कॉलेज के उत्सवों में एनईपी हेल्प डेस्क लगाना आदि शमिल है.

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