नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर बने एकमात्र पार्क से 36 लाख रुपए कमाता है रांची नगर निगम

नेताजी के नाम पर बने इस पार्क से भी नगर निगम ने कमाने का जरिया निकाल लिया है. इसके लिए एक-एक कर 21 दुकानदारों को यहां जगह अलॉट कर दिया गया है. बदले में ये दुकानदार निगम को हर महीने 1492 रुपये का किराया देते हैं. इस तरह एक पार्क से रांची नगर निगम को साल में 36 लाख रुपए की कमाई होती है.

By Prabhat Khabar | January 23, 2024 11:44 AM

रांची, उत्तम महतो : आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती है. उनकी याद में देश में कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं और उनकी पहचान को सम्मान दिया जाता है. दूसरी ओर अपने शहर रांची में उनके नाम पर मौजूद एकमात्र पार्क को नगर निगम खुद ही बर्बाद करने पर अमादा है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस पार्क कचहरी चौक के पास स्थित है. इसमें नेताजी की आदमकद प्रतिमा लगी हुई है. इस पार्क की देखरेख करने की बजाय निगम ने इसे कुछ पैसे कमाने की लालच में फूल और पौधे बेचनेवालों के नाम बंदोबस्त कर दिया है. नतीजा यहां आनेवाले लोगों को यह पार्क कम दिखता है और यहां केवल फूल विक्रेताओं की ही दुकानें दिखती हैं. वैसे नेताजी की जयंती के दिन दुकानदार अपनी दुकानों को थोड़ा खिसका लेते हैं, लेकिन फिर आम दिनों में पूरे पार्क में फूल बेचनेवालों का ही कब्जा रहता है.


1492 रुपये एक दुकानदार से लेता है निगम

नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम पर बने इस पार्क से भी रांची नगर निगम ने कमाने का जरिया निकाल लिया है. इसके लिए एक-एक कर 21 दुकानदारों को यहां जगह अलॉट कर दिया गया है. बदले में ये दुकानदार निगम को हर महीने 1492 रुपये का किराया देते हैं. इस प्रकार से एक माह में निगम इस पार्क से तीन लाख और एक साल में 36 लाख रुपए की कमाई कर लेता है.

Also Read: 1945 में दूसरी बार हुई नेताजी सुभाष चंद्र बोस की मौत, INA के मेजर रहे रांची के डॉ बीरेन रॉय की किताब में दावा
पार्क को बचाने की मांग की थी

राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव ने बताया कि पार्क को बचाने के लिए हमने तत्कालीन मेयर से लेकर नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपा था. लेकिन किसी ने हमारी मांगों पर ध्यान नहीं दिया. आज पार्क की यह हालत हो गयी है कि यहां अब केवल फूलवाले ही दिखते हैं. हम नगर निगम से मांग करते हैं कि अगर वह खुद इस पार्क को नहीं चला सकता, तो इसे हमारे हवाले किया जाये. हम बेहतर तरीके से इस पार्क की देखरेख करेंगे.

Also Read: रहस्य बने हुए हैं नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से जुड़े ये पहलू, ‘हिस्ट्री ऑफ INA’ के पन्नों में बंद है राज

Next Article

Exit mobile version