लातेहार: झारखंड के लातेहार स्थित नेतरहाट आवासीय विद्यालय में नामांकन के लिए चयनित छात्रों के रिजल्ट पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं. ऐसा इसलिए क्यों कि चयनित छात्रों में सबस अधिक बच्चे 5 जिलों से हैं. इनमें सबसे अधिक 83 बच्चे उत्तरी व दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के हैं. उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल से 66 व दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के 17 विद्यार्थियों का चयन हुआ है. गड़बड़ी की अशंका इसलिए जतायी जा रही है क्योंकि कुछ सफल विद्यार्थियों का रोल नंबर भी एक ही क्रम संख्या में है.
वहीं छह जिलों से एक भी विद्यार्थी का चयन नहीं हुआ है. चयनित बच्चों में उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में सबसे अधिक 24 बच्चे धनबाद के हैं, जबकि गिरिडीह के 16, हजारीबाग के 12 व चतरा के 11 बच्चों का चयन हुआ है. उत्तरी छोटानागपुर के कोडरमा से दो और बोकारो से एक विद्यार्थी का चयन हुआ है. दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल से 17 बच्चों का चयन हुआ है. इनमें लोहरदगा के 12, रांची के दो, गुमला के दो व सिमडेगा से एक विद्यार्थी का चयन हुआ है.
धनबाद जिले से जिन 24 बच्चों का चयन हुआ है, उनमें से आठ पूर्वी टुंडी व दो बच्चे टुंडी प्रखंड के हैं. पूर्वी टुंडी से सफल बच्चों में से रोल नंबर 2040011,12,15,16 व 17 एक ही क्रम संख्या में हैं. वर्ष 2021-22 में चयनित विद्यार्थियों में से पांच जिलों से मात्र एक-एक विद्यार्थी का चयन हुआ है, जबकि चार से दो-दो व दो जिला से तीन-तीन विद्यार्थी परीक्षा में सफल हुए हैं.
प्रवेश परीक्षा में रांची से मात्र दो बच्चे सफल हुए हैं. पूर्वी सिंहभूम व देवघर से एक भी बच्चे का चयन नहीं हो पाया. बोकारो से मात्र एक विद्यार्थी का चयन हो पाया है.
राज्य के पांच में से तीन प्रमंडल से मात्र 17 बच्चों का चयन हुआ है.इनमें से संताल परगना प्रमंडल से आठ, पलामू से सात व कोल्हान प्रमंडल से मात्र दो बच्चों का चयन हुआ है.
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के दस बच्चों का चयन किया गया है. चयनित बच्चों में सबसे अधिक आठ बच्चे धनबाद व चतरा जिला के हैं. इसी प्रकार लोहरदगा जिला से चयनित 12 में से आठ बच्चे एसटी वर्ग के हैं.
बच्चों के शैक्षणिक स्तर की जांच को लेकर भारत सरकार द्वारा ली जानेवाली परीक्षा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में धनबाद के बच्चों का रिजल्ट बेहतर नहीं रहा है. किसी भी कक्षा में धनबाद टॉप फाइव जिला में शामिल नहीं है.
नामांकन की पूरी प्रक्रिया विद्यालय प्रबंधन के देखरेख में होती है. विद्यालय द्वारा ही आवेदन जमा लिया जाता है, लिखित परीक्षा में सफल सौ विद्यार्थियों का चयन मेधा अंक के आधार पर किया जाता है. इसके बाद विद्यार्थियों की मेडिकल जांच करायी जाती है. मेडिकल में जांच के बाद नामांकन के लिए विद्यार्थी अंतिम रूप से चयनित माने जाते हैं. इस वर्ष से चयनित विद्यार्थियों के आवासीय प्रमाण पत्र की भी जांच करायी जायेगी. सफल विद्यार्थियों का कक्षा छह में नामांकन लिया जाता है.
नेतरहाट आवासीय विद्यालय में नामांकन में गड़बड़ी का मामला बराबर सामने आता रहा है. वर्ष 2010 में विद्यालय में नामांकन में गड़बड़ी का मामला सामने आया था. फर्जी विद्यालय व पता पर राज्य के बाहर के बच्चों का विद्यालय में चयन किये जाने का मामला सामने आया था. जांच के बाद 60 बच्चों का नामांकन रद्द कर दिया गया था. इसके बाद वर्ष 2015 में लगभग 40 बच्चों का चयन गलत पाया गया. वर्ष 2016 में गड़बड़ी की बात सामने आयी थी. 45 बच्चों के नामांकन पर रोक लगायी गयी थी. पूर्व में भी एक ही जिले से अधिक विद्यार्थियों के चयन होने व रोल नंबर सीरियल में होने का मामला सामने आया था.
रोल नंबर 2040011,12, 15,16,17, 20,25,53,55,57,66,67,80,81,83,84,85,86,87, 88,90,92,95
गुमला 02
लोहरदगा 12
रांची 02
सिमडेगा 01
बोकारो 01
चतरा 11
जिला संख्या
धनबाद 24
गिरिडीह 16
हजारीबाग 12
कोडरमा 02
दुमका 02
गोड्डा 05
जिला संख्या
पाकुड़ 01
गढ़वा 01
लातेहार 03
पलामू 01
प.सिंहभूम 01
सरायकेला-खरसावां 01
विद्यालय के प्राचार्य डॉ संतोष कुमार सिंह ने कहा है कि नामांकन प्रक्रिया में कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. जहां तक कुछ जिलों से अधिक विद्यार्थियों के चयन की बात है, तो ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किस जिले से कितने बच्चे चयनित होंगे. अगर एक ही जिले के बच्चे अधिक सफल होते हैं, तो इसमें कुछ नहीं किया जा सकता है.
Posted By: Sameer Oraon