ranchi news : श्रीराम-जानकी तपोवन मंदिर का 100 करोड़ से होगा नव निर्माण
निवारणपुर स्थित श्री रामजानकी तपोवन मंदिर का 100 करोड़ रुपये की लागत से नव निर्माण होगा. मंदिर का भवन एक तल्ला होगा. यह तीन साल में बनेगा. वहीं मंदिर के गुंबद की ऊंचाई 100 फीट होगी.
मंदिर का भवन गोलाकार स्वरूप में होगा, अंदर सभी देवी-देवता का दरबार सजेगा2025 में रामनवमी से पूर्व रखी जायेगी आधारशिला, तीन साल में मंदिर होगा तैयार
14 हजार स्क्वायर फीट में बनेगा नवनिर्मित मंदिर, गुंबद की ऊंचाई 100 फीट होगीरांची (राजकुमार लाल).
निवारणपुर स्थित श्री रामजानकी तपोवन मंदिर का 100 करोड़ रुपये की लागत से नव निर्माण होगा. मंदिर का भवन एक तल्ला होगा. यह तीन साल में बनेगा. वहीं मंदिर के गुंबद की ऊंचाई 100 फीट होगी. मंदिर गोलाकार स्वरूप में होगा अौर उसके अंदर सभी देवी-देवता का दरबार सजेगा. भोलेबाबा का दरबार अलग सजेगा. इस मंदिर में सभी अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी. मंदिर के लिए राजस्थान के मकराना से संगमरमर मंगाया जायेगा. मंदिर की आधारशिला का काम वर्ष 2025 के रामनवमी से पूर्व होगा. आधारशिला रखे जाने के बाद से मंदिर के निर्माण के लिए तीन साल का लक्ष्य रखा गया है. फिलहाल मंदिर निर्माण का कार्य ट्रस्ट के पास रखी राशि से शुरू होगा. बाद में भक्तों के सहयोग से इसे पूरा किया जायेगा. नवनिर्मित मंदिर 14 हजार स्क्वायर फीट में बनेगा.
प्रतिमाओं का स्थानांतरण 11 दिसंबर से
मंदिर में स्थापित श्रीराम दरबार से लेकर भगवान जगन्नाथ, भगवान विष्णु के विराट स्वरूप, हनुमान जी, गणेश भगवान, वनवासी राम, भोले बाबा के दरबार सहित अन्य मंदिरों में स्थापित प्रतिमाओं को मंदिर के मुख्य प्रवेश द्वार के समीप बनाये गये नवनिर्मित भवन में रखा जायेगा. वहीं पूजा-अर्चना की जायेगी. यहां भगवान को स्थानांतरित करने का कार्य 11 से 13 दिसंबर तक चलेगा. उक्त तिथि में स्थानांतरण का अनुष्ठान चलेगा. जिसे अयोध्या सहित अन्य जगहों के पुजारी संपन्न करायेंगे. मंदिर के मुख्य महंत ओमप्रकाश शरण ने बताया कि यह मंदिर न सिर्फ रांची बल्कि आसपास के इलाकों के मंदिर से भी बड़ा होगा. इससे राजधानी की एक पहचान होगी. मालूम हो कि नौ अगस्त को मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन किया गया था.400 साल पुराना है यह मंदिर
श्री रामजानकी तपोवन मंदिर 400 साल पुराना है. निवारणपुर में स्थित यह मंदिर भगवान राम के प्रति आस्था का प्रतीक है. यहां रामनवमी पर न सिर्फ विशेष पूजा-अर्चना की जाती है बल्कि मेला भी लगता है. राजधानी के सभी प्रमुख अखाड़ों का झंडा यहां आता है. यह मंदिर 45 फीट लंबा अौर 45 फीट चौड़ा है. यह मंदिर हरमू नदी के किनारे स्थित है, जो वर्तमान में बरसाती नदी बनकर रह गयी है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है