17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

नयी पीढ़ी हूल का इतिहास जाने : आर्चबिशप

आज की नयी पीढ़ी को हूल के इतिहास का पता होना चाहिए.

रांची. आज की नयी पीढ़ी को हूल के इतिहास का पता होना चाहिए. आज जो कार्यक्रम हो रहा है, उसमें नयी पीढ़ी से आह्वान किया जा रहा है कि वह आदिवासी समुदाय की अस्मिता व अस्तित्व को लेकर ऊर्जा जगायें. उक्त बातें आर्चबिशप विसेंट आईंद ने कही. वह लोयला ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट में हूल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. कार्यक्रम का आयोजन आइकफ रांची सहित कई कैथोलिक संगठनों ने संयुक्त रूप से किया था. मौके पर पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा कि इस कार्यक्रम से खासकर युवा पीढ़ी को संदेश देने का काम किया जा रहा है. युवाओं को चाहिए कि वह अपनी आदिवासियत को सहेजकर रखें. इससे पूर्व सामाजिक कार्यकर्ता रतन तिर्की ने कहा कि हूल दिवस हमारे लिये आह्वान है कि हम चुनौतियों से लड़ें और वैचारिक लड़ाई के लिए खुद को मजबूत करें. इस अवसर पर फादर महेंद्र पीटर, रमा खलखो, प्रेमचंद मुर्मू, निरंजना हेरेंज सहित अन्य लोगों ने भी विचार व्यक्त किये. मौके पर युवाओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर लोगों का मनोरंजन किया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें