झारखंड में 31 मार्च के बाद से नयी प्लेसमेंट एजेंसी बेचेगी शराब, 2 अन्य जोन के लिए टेंडर किया जाएगा जारी
31 मार्च के बाद नयी प्लेसमेंट एजेंसी को शराब बेचने की जिम्मेदारी दी जायेगी. दो अन्य जोन के लिए फिर से टेंडर जारी किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में चार प्लेसमेंट एजेंसी खुदरा शराब बेच रही है.
Jharkhand News: राज्य में अब 31 मार्च के बाद नयी प्लेसमेंट एजेंसी शराब बेचेगी. राज्य में खुदरा शराब बिक्री को लेकर झारखंड राज्य बिवरेज कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा खुदरा शराब बिक्री के लिए टेंडर आमंत्रित किया गया था.14 मार्च टेंडर जमा करने की अंतिम तिथि निर्धारित की गयी थी. पांच में से तीन जोन में शराब बेचने के लिए एजेंसी द्वारा टेंडर डाल गया था. तीन जोन के लिए एजेंसी चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी कर ली जायेगी. 31 मार्च के बाद नयी प्लेसमेंट एजेंसी को शराब बेचने की जिम्मेदारी दी जायेगी. दो अन्य जोन के लिए फिर से टेंडर जारी किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि वर्तमान में चार प्लेसमेंट एजेंसी खुदरा शराब बेच रही है. टेंडर की शर्त के अनुरूप सरकार की राशि बकाया होने से एजेंसी टेंडर प्रक्रिया में शामिल नहीं हो सकती है.
शराब फैक्ट्री के गेट पर सीसीटीवी लगाने का निर्देश
राज्य में शराब बनानेवाली फैक्ट्री के मुख्य द्वार पर सीसीटीवी कैमरा लगाने का निर्देश दिया गया है. उत्पाद विभाग द्वारा इस संबंध में फैक्ट्री संचालक को पत्र भेजा गया है. विभाग द्वारा भेजे गये पत्र में कहा गया है कि फैक्ट्री परिसर में सीसीटीवी कैमरा लगाया है. इसका लाइव फुटेज भी मुख्यालय को प्राप्त हो रहा है. फैक्ट्री के निकासी व प्रवेश द्वार पर सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है. प्रवेश व निकासी द्वार पर कैमरा लगाने व इसका लाइव फुटेज उपलब्ध कराने को कहा गया है. 31 मार्च तक इसकी प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर एक अप्रैल से फैक्ट्री संचालन की अनुमति नहीं दी जायेगी.
उत्पाद नीति से हो रहे नुकसान की दी जानकारी
शराब व्यवसायियों ने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से राजभवन में मुलाकात कर झारखंड में बनी उत्पाद नीति से हो रहे नुकसान की जानकारी दी. हैदराबाद से आये शराब व्यवसायी संघ के वरिष्ठ नेता राकेश जायसवाल व झारखंड से सुबोध जायसवाल ने राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट में कहा कि झारखंड में शराब नीति (उत्पाद नीति) से एक तो राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं शराब व्यापारियों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है. राज्यपाल ने सारी बातें सुनने के बाद संघ की तरफ से इस बाबत लिखित रूप से उन्हें देने की बात कही.
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