Jharkhand News: पाठ्यक्रम में बदलाव की तैयारी, नौवीं से 12वीं में झारखंड से जुड़े अध्याय भी होंगे शामिल

नयी शिक्षा नीति के अनुरूप राज्य में कक्षा एक से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है. शैक्षणिक सत्र 2023-24 से नये पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई होगी.

By Prabhat Khabar News Desk | October 24, 2021 6:30 AM

Jharkhand News: नयी शिक्षा नीति के अनुरूप राज्य में कक्षा एक से 12वीं तक के पाठ्यक्रम में बदलाव किया जायेगा. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने तैयारी भी शुरू कर दी है. शैक्षणिक सत्र 2023-24 से नये पाठ्यक्रम के आधार पर पढ़ाई होगी. राज्य में फिलहाल कक्षा एक से आठ तक के पाठ्यक्रम में झारखंड से जुड़े विषयों को शामिल किया गया है. वहीं, कक्षा नौ से 12वीं तक की कक्षाओं में एनसीइआरटी की किताब के आधार पर पढ़ाई होती है. नयी शिक्षा नीति के तहत सामाजिक अध्ययन व कुछ अन्य विषयों में झारखंड से जुड़े विषय को शामिल किया जायेगा. इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है.

सामाजिक अध्ययन में झारखंड से जुड़े विषय होंगे शामिल

विषय विशेषज्ञों की ली जायेगी मदद: राज्य के शिक्षकों के अलावा पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर विषय विशेषज्ञों की भी मदद ली जायेगी. पाठ्यक्रम में बदलाव के लिए आवश्यकता अनुरूप एनसीइआरटी के विशेषज्ञों की सहायता ली जायेगी. इसके लिए शिक्षा के क्षेत्र में काम करनेवाले कई संस्थानों को पत्र लिखा गया गया. टाटा इंस्टीच्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, अजीम जी प्रेमजी फाउंडेशन और आरइ भुवनेश्वर की भी मदद ली जायेगी.

कोर्स में बदलाव को लेकर आधार पत्र होगा तैयार: सभी जिलों के डायट के प्राचार्य व शिक्षकों का ग्रुप तैयार किया गया है. शनिवार को इनकी ऑनलाइन बैठक हुई. शिक्षकों को पाठ्यक्रम में बदलाव को लेकर आधार पत्र तैयार करने को कहा गया है. जेसीइआरटी द्वारा प्रति माह इसकी समीक्षा की जायेगी. राज्य में कक्षा एक आठ तक की किताब वर्ष 2015-16 में तैयार की गयी थी. इसके बाद से कक्षा एक से आठ के पाठ्यक्रम में भी बदलाव नहीं हुआ है.

एनसीइआरटी की सहमति के बाद लागू होगा पाठ्यक्रम: पाठ्यक्रम तैयार करने के लिए पहले आधार पत्र तैयार किया जायेगा. इसके बाद फिर पाठ्यचर्या व फिर पाठ्यक्रम तैयार किया जायेगा. पाठ्यक्रम तैयार होने के बाद किताब की छपाई की जायेगी. आधार पत्र व पाठ्यचर्या तैयार करने का काम फरवरी तक पूरा कर लिया जायेगा. पाठ्यक्रम को फाइनल करने के पूर्व इसे एनसीइआरटी को भेजा जायेगा. एनसीइआरटी की सहमति के बाद यह लागू होगा.

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