खलारी. खलारी से गुजरनेवाली स्टेट हाइवे-सात हजारीबाग-बिजुपाड़ा मार्ग पर फ्लाइ ऐश का परिवहन थमने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओइएफसीसी) से लेकर राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की गाइडलाइन को ताक पर रख एनटीपीसी टंडवा से निकला फ्लाइ ऐश का परिवहन ट्रकों व डंपरों से हो रहा है. यह फ्लाइ ऐश (राख) मानव जीवन समेत हवा, पानी, मिट्टी के लिए कितना खतरनाक है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एनजीटी ने इन फ्लाइ ऐश का सौ प्रतिशत उपयोग सुनिश्चित करने की जिम्मेवारी संबंधित थर्मल पावर स्टेशनों को दी है. कहा है कि एक भी फ्लाइ ऐश थर्मल प्लांट के आसपास या आबादीवाले इलाके में जमा नहीं करना है. नियम के अनुसार सड़क मार्ग से परिवहन के लिए फ्लाइ ऐश को सीमेंट ढोनेवाले बल्कर ट्रकों में बंद कर ले जाना है. एनटीपीसी ने रेल मार्ग से फ्लाइ ऐश की ढुलाई के लिए रेलवे के साथ विशेष एग्रीमेंट कर रखा है. रेलवे के विशेष बंद वैगन बीटीएपी और बाक्स एन से पर्यावरण अनुकूल तरीके से सुरक्षित ढुलाई कर गंतव्य तक ले जाना है. लेकिन, टंडवा स्थित एनटीपीसी के थर्मल पावर स्टेशन से खलारी होते हुए एसएच-सात पर साधारण डाला ट्रक तथा हाइवा डंपरों से फ्लाइ ऐश का परिवहन किया जा रहा है. परिवहन के दौरान सड़क पर गिर रहा फ्लाइ ऐश से प्रदूषण फैल रहा है. लोगों को सांस लेने में भी कठिनाई हो रही है. इधर, खलारी व्यवसायी संघ सहित सामाजिक संगठनों ने खलारी के प्रशासनिक अधिकारियों से इस गैर कानूनी परिवहन पर जल्द रोकने की मांग की है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है