टेबल ऑफ कंटेंट्स
रांची, विवेक चंद्र : रांची शहरी जलापूर्ति योजना फेज वन का काम फंस गया है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) द्वारा काम करने की अनुमति नहीं देने की वजह से 179.80 करोड़ रुपये खर्च करने के बाद अब काम रोक दिया गया है.
रांची में 22 किलोमीटर बिछाना है पाइपलाइन
एनएचएआइ ने रूक्का डैम से आनेवाले राइजिंग पाइपलाइन बिछाने के लिए तिलता मोड़ से पंडरा-पिस्का मोड़- रातू रोड चौराहा तक नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) देने से इनकार कर दिया है. एनएचएआइ द्वारा एनओसी नहीं दिये जाने के कारण कुल 22 किमी में से लगभग पांच किमी ही राइजिंग पाइपलाइन बिछायी जा सकी है. शेष पाइपलाइन बिछाने के लिए अब वैकल्पिक मार्ग की तलाश की जा रही है. वैकल्पिक मार्ग मिलने तक कार्य आगे नहीं बढ़ाया जा सकेगा.
डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार, लेकिन आपूर्ति के लिए पानी ही नहीं
राजधानी रांची में पेयजलापूर्ति योजना का डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क तैयार कर लिया गया है. कुल 563 किमी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन में से लगभग 450 किमी (79.92 प्रतिशत) डिस्ट्रीब्यूशन लाइन तैयार कर लिया गया है. कुल 14 जलमीनार में से 10 का काम 90 प्रतिशत पूरा कर लिया गया है.
गली-मोहल्लों में बिछा दी गई है पाइपलाइन
यानी, गली-मोहल्लों में पाइपलाइन बिछा दी गयी है. करोड़ों खर्च कर जलमीनारें भी बन चुकी हैं. लेकिन, उनमें जलापूर्ति के लिए पानी की व्यवस्था नहीं की जा सकी है. रूक्का डैम से आनेवाले मेन राइजिंग पाइपलाइन का काम 25 प्रतिशत भी नहीं किया जा सका है.
290.88 करोड़ की है योजना
रांची शहरी पेयजलापूर्ति योजना की कुल लागत 290.88 करोड़ रुपये है. मेसर्स लार्सन एंड टर्बो के साथ पाइपलाइन बिछाने के लिए 04.12.2018 को एग्रीमेंट किया गया था. उस समय कार्य समाप्त करने की तिथि 30.06.2023 थी. बाद में 2025 तक योजना का अवधि विस्तार किया गया. परंतु, वर्तमान परिस्थितियों में तय समय तक कार्य पूरा होना संभव नहीं है. अब तक योजना की भौतिक प्रगति 63.79 प्रतिशत है.
1.06 लाख घरों में की जानी है जलापूर्ति
फेज वन के तहत राजधानी के 1.06 लाख घरों तक पानी पहुंचाया जाना है. योजना के तहत हिंदपीढ़ी, अपर बाजार, बड़ा तालाब, किशोरगंज, पहाड़ी मंदिर, कांके रोड, पिस्का मोड़, पंडरा, रातू रोड, इटकी रोड, बजरा व हरमू में पेयजलापूर्ति की जानी है.
क्या होती है राइजिंग पाइपलाइन
जलापूर्ति नेटवर्क तैयार करने के लिए मुख्य रूप से दो प्रकार की पाइपलाइन बिछायी जाती है. पहली राइजिंग पाइपलाइन होती है, जिससे फिल्टरेशन प्लांट से पानी जलमीनार तक भेजा जाता है. जबकि, दूसरी डिस्ट्रीब्यूशन पाइपलाइन होती है, जिसमें जलमीनारों से पानी उपभोक्ताओं के घरों तक भेजा जाता है.
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