दलित और मराठा समुदाय हिंसक झड़प मामले में एनआइए ने की फादर स्टेन स्वामी से पूछताछ

भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी 2018 को एक सभा के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हुई हिंसा मामले की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम को रांची पहुंचकर की फादर स्टेन स्वामी से पूछताछ

By Prabhat Khabar News Desk | August 7, 2020 3:06 AM

रांची : पुणे के भीमा-कोरेगांव में एक जनवरी 2018 को एक सभा के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हुई हिंसा मामले की जांच कर रही नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम गुरुवार को रांची पहुंची. टीम के अफसर नामकुम बगईंचा स्थित सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के घर पहुंच पूछताछ की. दिन के 11 बजे से लेकर दोपहर डेढ़ बजे तक उनसे पूछताछ की गयी.

हालांकि इस मामले में पूछने पर श्री स्वामी ने कुछ भी बताने से इंकार किया. जांच एजेंसी की ओर से भी आधिकारिक तौर पर कोई खुलासा नहीं किया गया है. इससे पहले महाराष्ट्र एटीएस की टीम इस मामले में 12 जून 2020 को इनके घर पर छापेमारी कर कंप्यूटर सहित अन्य सामान जब्त कर ले गयी थी. 24 जनवरी, 2020 को एनआइए ने केस टेकओवर कर मामले की जांच शुरू की थी. मूल रूप से केरल के रहनेवाले सामाजिक कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी करीब पांच दशक से झारखंड के आदिवासी क्षेत्रों में काम कर रहे हैं.

क्या है मामला :

भीम कोरेगांव महाराष्ट्र के पुणे जिले में स्थित छोटा सा गांव है. एक जनवरी, 1818 को ईस्ट इंडिया कपंनी की सेना ने बाजीराव पेशवा द्वितीय की बड़ी सेना को कोरेगांव में हरा दिया था. भीमराव आंबेडकर के अनुयायी इस लड़ाई को राष्ट्रवाद बनाम साम्राज्यवाद की लड़ाई नहीं मानकर, दलितों की जीत बताते हैं. उनके मुताबिक, लड़ाई में दलितों पर अत्याचार करनेवाले पेशवा की हार हुई थी.

हर साल एक जनवरी को दलित समुदाय के लोग भीमा कोरेगांव में विजय स्तंभ के सामने जमा होते हैं. इस स्तंभ को अंग्रेजों ने पेशवा को हरानेवाले जवानों की याद में बनाया था. वर्ष 2018 में युद्ध के 200वें साल का जश्न मनाने के लिए भारी संख्या में दलित समुदाय के लोग जुटे थे. जश्न के दौरान दलित और मराठा समुदाय के बीच हिंसक झड़प हो गयी.

इसमें एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी, जबकि कई लोग घायल हो गये थे. यहां दलित और बहुजन समुदाय के लोगों ने एल्गार परिषद के नाम से शनिवारवाड़ा में जनसभाएं कीं, जिसके बाद यहां हिंसा भड़क उठी. आरोप है कि भाषण देनेवालों में स्टेन स्वामी भी थे. इस मामले में 23 आरोपी हैं, जिनमें से 12 की गिरफ्तारी हो चुकी है.

posted by : sameer oraon

Next Article

Exit mobile version