रांची: झारखंड में टीबी मरीजों के हेल्थ के साथ खिलवाड़ हो रहा है, इलाज के साथ मिलने वाले निक्षय पोषण योजना के तहत मिलने वाली राशि नहीं मिल रही है. जिस वजह से अब उन्हें पौष्टिक भोजन नहीं मिल पा रहा है. जबकि टीबी मरीजों को दिये जाने वाली करीब 13 करोड़ राशि खाते में पड़ा हुआ है. यह समस्या सिंगल नोडल एजेंसी के तहत बैंक से समस्या आने के कारण हो रही है.
इधर, स्टेट टीबी के आंकड़ाें के अनुसार 24 हजार नये टीबी मरीजों की पहचान इस साल हुई है. वहीं, 18 से 19 हजार टीबी के पहले से मरीज हैं. यानी नये चिह्नित मरीजों के अलावा पुराने मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. गौरतलब है कि टीबी मरीजों को पैसे देने का उद्देश्य यह है कि उन्हें पोषण उपलब्ध कराकर टीबी से होने वाली मौतों के आंकड़ों में कमी लायी जा सके.
हालांकि स्टेट टीबी कार्यालय द्वारा मरीजों काे निक्षय पोषण योजना से वंचित मरीजों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. बैंक के चयन और उससे होने वाली समस्या का हल निकालने के लिए आरटीजीएस से पैसे का भुगतान कराने का आग्रह स्वास्थ्य विभाग से किया गया है. ऐसे में वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त करने के प्रयास में ब्रेक लग सकता है. स्वास्थ्य विभाग को इन समस्याआें का तत्काल समाधान करना चाहिए.
स्वास्थ्य विभाग के एनएचएम में बैंक से भुगतान करने के लिए सिंगल नोडल एजेंसी में समस्या आ रही है. इस कारण कई योजनाओं का पैसा फंसा है. योजना के मद में पैसे का हस्तानांतरण नहीं हाे पा रहा है. लेखा पदाधिकारियों का कहना है कि अभी समस्या का समाधान नहीं हुआ है. समाधान होने पर पैसा खुद से योजनाओं के मद में हस्तानांतरित हो जायेगी. सूत्रों का कहना है कि यह समस्या कई महीनों से चल रही है.
Posted By: Sameer Oraon