झारखंड के सरकारी स्कूलों में पढ़नेवाले विद्यार्थियों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं होती. जरूरत है उन्हें तराशने की. सही दिशा व मार्गदर्शन मिले तो वह पूरे झारखंड का नाम रोशन कर सकते हैं. ऐसे ही मेधावी विद्यार्थियों को मैट्रिक करने के बाद तराश रहा है आकांक्षा कोचिंग. राज्य सरकार द्वारा संचालित काेचिंग आकांक्षा में बच्चों को मुफ्त में इंजीनियरिंग व मेडिकल की तैयारी करायी जाती है. इसके विद्यार्थियों का देश के टॉप इंजीनियरिंग व मेडिकल शिक्षण संस्थानों में नामांकन हो रहा है.
पढ़ाई पूरी करनेवाले विद्यार्थियों का देश-विदेश की बड़ी कंपनियों में चयन हो रहा है. ऐसे ही सफल विद्यार्थियों में दुमका के मसलिया का रहनेवाला नितेश कुमार गुप्ता है. उसका चयन ओरेकल कंपनी में 33 लाख के पैकेज पर हुआ है. नितेश के पिता प्रकाश प्रसाद साह किराना दुकान में काम करते हैं. नितेश ने बताया कि आकांक्षा के बिना उसे यह सफलता नहीं मिलती. मैट्रिक में उसे 89.2 फीसदी अंक मिले थे.
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इसके बाद उसने आकांक्षा में नामांकन के लिए परीक्षा दी. उसमें सफल होने के बाद प्लस टू विद्यालय बरियातू से 12वीं की परीक्षा पास की. उसे 12वीं में 84 फीसदी अंक मिले थे. उसने बताया कि अगर आकांक्षा के शिक्षकों का मार्गदर्शन नहीं मिला होता तो आज यहां तक नहीं पहुंच पाता. आर्थिक तंगी के कारण वह किसी निजी कोचिंग में पढ़ाई नहीं कर पाता.
आकांक्षा के माध्यम से तैयारी करनेवाले विद्यार्थियों में लगभग दर्जन भर विद्यार्थियों को अब तक अलग-अलग कंपनियों से ऑफर लेटर मिल चुका है. चयनित अधिकतर विद्यार्थियों को 10 से 15 लाख तक का पैकेज मिला है.
आकांक्षा के तहत झारखंड सरकार द्वारा विद्यार्थियों को मेडिकल व इंजीनियरिंग की नि:शुल्क तैयारी करायी जाती है. इसके लिए प्रवेश परीक्षा ली जाती है. प्रवेश परीक्षा में वहीं विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं, जो जैक बोर्ड से मैट्रिक की परीक्षा में शामिल हुए हो. चयनित विद्यार्थियों को राज्य सरकार द्वारा रांची में मेडिकल, इंजीनियरिंग की नि:शुल्क तैयारी करायी जाती. विद्यार्थियों को मुफ्त में आवासीय सुविधा भी उपलब्ध करायी जाती है. इस वर्ष से क्लैट की तैयारी के लिए भी विद्यार्थियों का चयन किया जाता है.
आकांक्षा से तैयारी करनेवाले लगभग 125 बच्चों का चयन अब तक देश के विभिन्न मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेज में नामांकन के लिए हो चुका है. आकांक्षा के समन्वयक वीके सिंह ने बताया कि इनमें दर्जन भर विद्यार्थियों का नामांकन आइआइटी में हुआ. इसके अलावा एनआइटी व अन्य इंजीनयरिंग कॉलेजों में हुआ है.