रांची, प्रणव : झारखंड के जेलों में बंद बदमाश तीन माह बाद मोबाइल का इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे. राज्य के सभी 31 जेलाें में मोबाइल को ट्रैक करने वाला उपकरण नॉन-लीनियर जंक्शन डिटेक्टर (एनएलजेडी) लगाया जायेगा. यह कार्य अगले तीन माह में पूरा हो जायेगा. इसके लिए गृह विभाग ने जेल मुख्यालय को राशि आवंटित कर दी है. वहीं जेल मुख्यालय के स्तर पर एनएलजेडी लगाने वाली कंपनी को वर्क ऑर्डर दे दिया गया है. यह उपकरण किसी भी मोड में चाहे ऑन हो या ऑफ हो, वह मोबाइल का पता लगा लेगा. विभिन्न तरह के गुप्त श्रवण उपकरणों, इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों व अर्धचालक युक्त ट्रांसमीटरों का पता लगाने में भी इसका इस्तेमाल होता है. एक एनएलजेडी की खरीद और इसके एक साल की गारंटी व दो वर्षों के रखरखाव के एवज में विभाग संबंधी एजेंसी को 23 लाख 56 हजार 460 रुपये देगा.
कैसे काम करेगा एनएलजेडी
एनएलजेडी उपकरण संचालन का सिद्धांत किसी क्षेत्र में उच्च रेडियो आवृत्ति ऊर्जा के उत्सर्जन पर आधारित है. जैसे कोई मोबाइल दीवारों के बीच छिपाया हुआ हो, जमीन के अंदर या छत पर हो या फर्नीचर के अंदर छिपा हो, तो यह उपकरण मोबाइल में लगे रेडियो माइक्रोफोन, माइक्रोफोन एम्पलीफायर व डिक्टोफोन का पता लगा लेता है. रेडियो माइक्रोफोन मोबाइल में लगने वाला डिवाइस है. इसके जरिये हम आवाज को सुनते व सुनाते हैं. वहीं माइक्रोफोन एम्पलीफायर मोबाइल के सिग्नल को उच्च लाइन स्तर पर बढ़ाने का काम करता है. जबकि डिक्टोफोन मोबाइल में बातचीत को रिकॉर्ड करता है.
जैमर के लिए मांगा आवंटन
जेलों में उच्च क्वालिटी का जैमर लगाने के लिए जेल मुख्यालय ने मांगा आवंटन झारखंड की जेलों में मोबाइल की गतिविधि पूरी तरह रोकने के लिए उच्च क्वालिटी का जैमर लगाया जायेगा. यह जैमर फोर-जी, फाइव-जी नेटवर्क वाले मोबाइल की गतिविधियों पर रोक लगाने में सक्षम होगा. जैमर लगाने को लेकर प्रस्ताव भेज संबंधित विभाग से जेल मुख्यालय ने आवंटन मांगा है. आवंटन मिलने के बाद जैमर लगाने के लिए विभाग टेंडर निकाल वर्क ऑर्डर देगा.
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