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किसी डायसिस या पास्टरेट को नहीं है अलग होने का अधिकार

मोडरेटर्स कमिसरी रेव्ह जोलजस कुजूर ने शनिवार को श्वेत पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने कहा है कि प्रभु की अंतिम इच्छा यह थी कि उनके सब अनुयायी एक हों. इसलिए 1970 में चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआइ) का गठन किया गया था.

By Prabhat Khabar News Desk | July 26, 2020 4:01 AM

मोडरेटर्स कमिसरी ने जारी किया श्वेत पत्र, कहा

रांची : मोडरेटर्स कमिसरी रेव्ह जोलजस कुजूर ने शनिवार को श्वेत पत्र जारी किया. इसमें उन्होंने कहा है कि प्रभु की अंतिम इच्छा यह थी कि उनके सब अनुयायी एक हों. इसलिए 1970 में चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआइ) का गठन किया गया था.

छोटानागपुर डायसिस का गठन भी अन्य 26 डायसिस की तरह सीएनआइ के संविधान के अनुसार ही हुआ.डायसिस और बिशप की सेवाकाई, अनुशासन, सेवा की शर्तें आदि इसी संविधान के तहत हैं. सभी प्रेसबिटर्स को सीएनआइ द्वारा ही लाइसेंस दिया गया है. सीएनआइ के किसी भी डायसिस या पास्टरेट को इससे अलग होने या करने का अधिकार किसी को नहीं है.

यदि कोई डायसिस या मंडली सीएनआइ से अलग होकर किसी अन्य कलीसिया में जाना चाहती हो, तो उसे सीएनआइ के पास निवेदन देना होगा. वे जिस कलीसिया से जुड़ना चाहते हैं, उसका सीएनआइ से संबंधित होना जरूरी है. सीएनआइ द्वारा नियुक्त और अभिषिक्त बिशप बीबी बास्के ने असंवैधानिक तौर से कलीसिया की संगति से अलग करने की घोषणा की है, जो सिनोड के अनुसार गंभीर अनुशासनहीनता, निंदनीय और अवज्ञा है. सीएनआइ सिनोड ने अपने संवैधानिक प्रावधानों के तहत बिशप बास्के को 21 जुलाई से छुट्टी पर भेजा है. डायसिस काउंसिल की कार्यकारिणी समिति भी भंग कर दी गयी है और डायसिस की देखभाल के लिए एक एडहॉक कमेटी बनायी गयी है.

श्वेत पत्र में कहा गया है कि रेव्ह जोलजस कुजूर को मोडरेटर्स कमिसरी बनाया गया है और एक इनक्वायरी कमेटी का गठन किया गया है. बिशप बास्के इस समिति की छानबीन करने तक अपने काम से छुट्टी पर रहेंगे. मोडरेटर्स कमिसरी ने कहा कि पूरे डायसिस व मंडली को घसीट कर दूसरी कलीसिया में पटक देना अच्छी बात नहीं है.

यदि करना ही था, तो पहले पास्टरेट और जिला स्तर पर विचार कर डायसिस सभा में निर्णय लिया जाता. यदि किसी व्यक्ति विशेष से दुश्मनी और घृणा के कारण ऐसा कदम उठाया गया, तो यह मसीह के स्वभाव के विपरीत है. सीएनआइ द्वारा अभिषिक्त प्रेसबिटर अब किस चर्च के सेवक बनेंगे? क्या वे प्रार्थना पूर्वक और स्वेच्छा से सीएनआइ के आर्डिनेशन और लाइसेंस का त्याग कर रहे हैं? वे जल्दबाजी में ऐसा निर्णय न लें. थोड़ा धीरज से काम लें.

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