Coronavirus in Jharkhand: देश में कोरोना के नये वेरिएंट एक्स-ई का तेजी से फैलाव होने के बीच राज्य में अभी जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन लगाने की प्रक्रिया ही चल रही है. रिम्स में तैयार हो रहे लैब का कार्य पूरा नहीं हो पाया है, क्योंकि लैब में एयरकंडीशनर लगाने और आंतरिक सज्जा का कार्य चल रहा है. मशीन के कंज्यूमेबल आइटम खरीदने के लिए निविदा निकाली गयी है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है.
ऐसे में कोरोना के नये वैरिएंट की जांच के लिए अभी भी कोलकाता और ओड़िशा के लैब पर निर्भर रहना होगा. वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी जीनाेम सिक्वेंसिंग मशीन के संचालन पर चुप्पी साधे हुए हैं.
इधर, सूत्रों ने बताया कि कंज्यूूमेबल आइटम की खरीद के लिए फंड की कमी आड़े आ रही है, क्योंकि कंपनी 2.40 करोड़ रुपये के भुगतान पर अड़ी है. वहीं जीनाेम मशीन के निर्माता कंपनी को अभी पांच करोड़ का भुगतान नहीं हुआ है, जिससे कंपनी भी मशीन को शीघ्र स्थापित करने में रुचि नहीं दिखा रही है.
कंपनी आश्वस्त है कि सरकार कंज्यूमेबल आइटम उसी से खरीदेगी, क्योंकि दूसरी कंपनी का कंज्यूमेबल आइटम इसमें फिट नहीं होगा़ दिसंबर 2021 के प्रथम सप्ताह में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन के लिए अमेरिका की कंपनी को कार्यादेश दिया गया था. कंपनी को 45 दिनों में मशीन उपलब्ध कराना था, लेकिन अप्रैल के प्रथम सप्ताह में कंपनी ने रिम्स में मशीन पहुंचायी़ यह मशीन 25 दिन से पड़ी है.
तेजी से फैलता है: कोरोना का नया वैरिएंट इक्स-ई ओमिक्रोन से 10 गुना तेजी से फैलता है. राज्य में एक भी संक्रमित इसकी चपेट में आ गया, तो यह तेजी से फैलने लगेगा़ नये वेरिएंट की पहचान के लिए सैंपल अन्य राज्यों में भेजा गया, तो वहां से रिपोर्ट आने में 15 से 20 दिन लग जायेगा.
Posted by: Pritish Sahay