कोरोना का इलाज : झारखंड में प्राइवेट हॉस्पिटल की मनमानी खत्म, अधिकतम रेट तय, जानें आपके जिले में कितना खर्च होगा
Jharkhand News, Ranchi News, Covid-19 Treatment, Coronavirus Treatment, Health News, Jharkhand Health News, Coronavirus Treatment Rate Chart, Maximum Fee For Corona Treatment, Health Department Jharkhand: कोरोना के इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी अब नहीं चलेगी. झारखंड सरकार ने कोरोना के इलाज की अधिकतम सीमा तय कर दी है. किसी भी अस्पताल को मरीज से तय सीमा से अधिक रुपये चार्ज करने का अधिकार नहीं होगा. हां, अस्पताल चाहें, तो उससे कम में मरीजों का इलाज कर सकते हैं.
रांची : कोरोना के इलाज के नाम पर प्राइवेट अस्पतालों की मनमानी अब नहीं चलेगी. झारखंड सरकार ने कोरोना के इलाज की अधिकतम सीमा तय कर दी है. किसी भी अस्पताल को मरीज से तय सीमा से अधिक रुपये चार्ज करने का अधिकार नहीं होगा. हां, अस्पताल चाहें, तो उससे कम में मरीजों का इलाज कर सकते हैं.
झारखंड सरकार के स्वास्थ्य चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा गया है कि सरकार ने 24 जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा है. हर श्रेणी के लिए अलग-अलग दरें तय की गयी हैं. इसमें रांची, पूर्वी सिंहभूम, धनबाद एवं बोकारो को ‘ए’ ग्रेड सिटी में रखा गया है.
हजारीबाग, पलामू, देवघर, सरायकेला, रामगढ़ एवं गिरिडीह को ‘बी’ ग्रेड सिटी माना गया है. इसके बाद 14 जिलों (चतरा, दुमका, गढ़वा, गोड्डा, गुमला, जामताड़ा, खूंटी, कोडरमा, लातेहार, लोहरदगा, पाकुड़, साहिबगंज, सिमडेगा एवं पश्चिमी सिंहभूम) को ‘सी’ ग्रेड सिटी में रखा गया है.
Also Read: झारखंड सरकार ने इन शर्तों के साथ बाबा बैद्यनाथ और बासुकिनाथ मंदिर में पूजा करने की दी अनुमतिजिलों के ग्रेड के आधार पर ही इलाज की दरें तय की गयी हैं. ‘ए’ ग्रेड में रखे गये शहरों में अब गंभीर से गंभीर रोगी के इलाज के लिए कोई भी अस्पताल 18 हजार रुपये से अधिक मरीज से चार्ज नहीं कर पायेगा. इसमें पीपीइ किट के 2,000 रुपये शामिल हैं.
NABH से मान्यताप्राप्त अस्पतालों के लिए यह दर तय की गयी है. यह रेट बहुत गंभीर रूप से बीमार लोगों के लिए है, जो आइसीयू में हैं और जिन्हें वेंटिलेशन पर रखना पड़ता है. ऐसे अस्पताल, जिन्हें NABH से मान्यता नहीं मिली है, वे प्रतिदिन 15,000 (पीपीइ किट के 2,000 रुपये शामिल) से अधिक मरीज से नहीं वसूल सकेंगे.
कोरोना के आड़ में प्राइवेट अस्पताल मरीजों का अर्थ दोहन कर रहे थे जिसे देखते हुए सरकार ने इलाज के लिए विभिन्न प्रकार के रेट तय किये हैं,प्रयास हैं कि मरीजों का इलाज हो और उन्हें आर्थिक बोझ न सहना पड़े,इसके बाद भी यदि कोई अस्पताल नियमों का उल्लंघन करते मिला तो कानूनी कार्यवाई होगी।
— Banna Gupta (@BannaGupta76) August 26, 2020
NABH से मान्यताप्राप्त किसी प्राइवेट हॉस्पिटल में यदि नन क्रिटिकल, बिना लक्षण वाले मरीज, जो सामान्य वार्ड में भर्ती होंगे, उनसे अस्पताल प्रतिदिन 6,000 रुपये (पीपीइ किट समेत) चार्ज कर सकेंगे. सामान्य रूप से बीमार व्यक्ति, जिन्हें आइसोलेशन में रखने की जरूरत होगी, सपोर्टिव केयर और ऑक्सीजन सप्लाई की आवश्यकता पड़ सकती है, उन्हें प्रतिदिन 10 हजार रुपये (पीपीइ किट के 1200 रुपये समेत) भुगतान करना होगा.
यदि कोई गंभीर रूप से बीमार है और उसे आइसीयू में रखना पड़े, लेकिन वेंटिलेटर की जरूरत नहीं हो, तो ऐसे मरीज से प्राइवेट हॉस्पिटल अधिकतम 15 हजार रुपये (इसमें पीपीइ किट के 2000 रुपये शामिल हैं) चार्ज कर सकते हैं. वहीं, बेहद गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, जिसे आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखा जाता है, उससे अधिकतम 18 हजार रुपये ले सकेंगे.
इसी तरह, NABH से गैर-मान्यताप्राप्त अस्पताल सामान्य रोगियों से 5,500 रुपये, आइसोलेशन की जरूरत वाले मरीजों से अधिकतम 8,000 रुपये, गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, जिसे बिना वेंटिलेटर के आइसीयू में रखना पड़े, उससे अधिकतम 13 हजार रुपये और बेहद गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति, जिसे आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखना पड़े, उससे अधिकतम 15,000 रुपये चार्ज कर सकेंगे. सभी स्थिति में अधिकतम चार्ज में पीपीइ किट की कीमत शामिल है.
‘बी’ श्रेणी में आने वाले सभी 6 जिलों (हजारीबाग, रामगढ़, पलामू, देवघर, सरायकेला एवं गिरिडीह) के प्राइवेट हॉस्पिटल जो NABH से मान्यताप्राप्त हैं, सामान्य रोगियों यानी नॉन क्रिटिकल मरीजों से अधिकतम 5,500 रुपये, आइसोलेशन में रखे जाने वाले मरीजों से 8,000 रुपये, गंभीर रूप से आइसीयू में भर्ती मरीजों से 12 हजार रुपये और आइसीयू में वेंटिलेटर पर रखे गये बेहद गंभीर रूप से बीमार मरीजों से अधिकतम 14,400 रुपये ले सकेंगे. इसमें पीपीइ किट की कीमत समाहित है. यानी अस्पताल पीपीइ किट की कीमत अलग से मरीज से नहीं वसूल सकेंगे.
इसी तरह NABH से गैर-मान्यताप्राप्त अस्पतालों को सामान्य रोगियों से 5,000 रुपये, आइसोलेशन बेड के साथ अस्पताल में भर्ती मरीजों से 6,400 रुपये, आइसीयू में भर्ती गंभीर रूप से बीमार मरीज से 10,400 रुपये और आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर भर्ती बेहद गंभीर रूप से बीमार मरीजों से अधिकतम 12,000 रुपये लेने का अधिकार होगा. इस श्रेणी में ये अधिकतम रेट है. इससे ज्यादा कोई अस्पताल चार्ज नहीं कर सकेगा.
‘सी’ ग्रेड में जो 14 जिले हैं, उनके लिए NABH से मान्यता प्राप्त अस्पतालों के लिए अधिकतम 10,800 रुपये और NABH की मान्यता नहीं रखने वाले अस्पतालों के लिए 9,000 रुपये तय की गयी है. इस ग्रेड के जिलों में NABH से मान्यता प्राप्त अस्पताल सामान्य रोगियों से अधिकतम 5,000 रुपये, आइसोलेशन बेड पर भर्ती मरीजों से 6,000 रुपये, आइसीयू में भर्ती गंभीर रूप से बीमार लोगों से 9,000 रुपये और आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर चल रहे बेहद गंभीर रूप से बीमार लोगों से 10,800 रुपये ले सकेंगे.
इन जिलों के NABH से गैर-मान्यताप्राप्त अस्पताल सामान्य रोगियों से 4,000 रुपये, आइसोलेशन बेड पर भर्ती मरीजों से 4,800 रुपये, आइसीयू में भर्ती गंभीर रूप से बीमार लोगों से 7,800 रुपये और आइसीयू में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रहने वाले गंभीर रूप से बीमार मरीजों से अधिकतम 9,000 रुपये चार्ज कर सकेंगे. इन सभी मामलों में पीपीइ किट की कीमत शामिल है.
विज्ञप्ति में बताया गया है कि यह रेट लैब द्वारा सत्यापित कोविड-19 संक्रमितों या मरीजों पर ही लागू होगा. कहा गया है कि ये दरें भारत सरकार की नीति आयोग के द्वारा निर्धारित दरों एवं अन्य राज्यों में लागू दरों के आधार पर तय की गयी हैं. यह अधिकतम रेट है. इससे कम में कोई अस्पताल मरीजों का इलाज कर सकता है, लेकिन इससे अधिक रेट किसी भी सूरत में चार्ज नहीं कर पायेंगे.
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राज्य सरकार द्वारा कोरोना मरीजों के इलाज के लिए दरें निर्धारित की गई हैं, लगातार शिकायत आ रही थी कि कोरोना के आड़ में प्राइवेट अस्पताल मरीजों से मनमाना पैसा वसूल कर रहे थे, आज से निम्नलिखित रेट तय कर दिए गए हैं इसके बाद भी शिकायत आती हैं तो वैसे अस्पतालों पर कानूनी कार्यवाई होगी। pic.twitter.com/qKfdvCXoGg
— Banna Gupta (@BannaGupta76) August 26, 2020
Posted By : Mithilesh Jha
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