पिछले पांच साल में किसी की नहीं हुई है भूख से मौत
विभाग ने अपने जवाब में कहा कि राज्य में अक्तूबर 2015 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है. इस अधिनियम के तहत 2,64,43,330 लोगों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था.
रांची : झारखंड में पिछले पांच साल में किसी भी व्यक्ति की मौत भूख से नहीं हुई है. माले विधायक विनोद सिंह के सवाल पर यह जवाब खाद्य आपूर्ति विभाग ने दिया है. बजट सत्र के दौरान विनोद सिंह ने सरकार से पूछा था कि क्या यह बात सही है कि पिछले पांच वर्षों में राज्य में एक दर्जन से ज्यादा मौत भूख एवं कुपोषण से हुई है, जिन्हें राशन सुचारू रूप से नहीं मिल पाता था? विभाग ने विधायक के इस सवाल को अस्वीकारात्मक बताया है.
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राज्य में 99.60 प्रतिशत लोगों को मिल रहा खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ
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झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष के तहत जिलों को 10-10 हजार की राशि मिलती है
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माले विधायक विनोद सिंह के सवाल पर खाद्य आपूर्ति विभाग का जवाब
विभाग ने अपने जवाब में कहा कि राज्य में अक्तूबर 2015 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है. इस अधिनियम के तहत 2,64,43,330 लोगों को इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था. वर्तमान में 2,63,39,264 लोगों को इस योजना का लाभ मिल रहा है, जो कि निर्धारित लक्ष्य का 99.60 प्रतिशत है.
अधिनियम के तहत अपात्र लाभुकों की छंटनी किये जाने व पात्र लाभुकों को इस योजना से जोड़ने के लिए सभी जिलों को समय-समय पर निर्देश दिये जाते रहे हैं. साथ ही समाज के कमजोर वर्गों को अधिनियम के तहत प्राथमिकता के तौर पर लाभ देने का निर्देश दिये गये हैं. अधिनियम के तहत लाभुकों को खाद्यान न मिलने स्थिति में खाद्य सुरक्षा भत्ता दिये जाने का प्रावधान है. इसके निमित्त सभी जिलों को दो-दो लाख रुपये एकमुश्त राशि खाद्य सुरक्षा भत्ता के भुगतान के लिए उपलब्ध कराया गया है.
निर्धन जरूरतमंद व्यक्ति/परिवार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2013 के तहत लाभान्वित नहीं हो पा रहे हैं. राज्य सरकार द्वारा बजटीय उपबंध कर ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर एवं शहरी क्षेत्रों के नगर निकाय में वार्ड स्तर पर 10-10 हजार रुपये की राशि झारखंड राज्य आकस्मिक खाद्यान्न कोष के तहत सभी जिलों को आवंटित की गयी है.
जिन मुद्दों पर जनादेश मिला उस पर गंभीर हो सरकार : विधायक विनोद सिंह ने कहा कि राज्य में भूख से मौत बदस्तूर जारी है. बोकारो के गोमिया में भी एक व्यक्ति की मौत भूख से हो गयी है. इसकी पुष्टि भी चुकी गयी है. सरकार को जिन मुद्दों पर जनादेश मिला है, उस पर गंभीर होने की जरूरत है. सरकार जब यह कह रही है कि 99 प्रतिशत लोगों को लाभ दे दिया है, फिर भूख से मौत कैसे हो रही है.
भूख से मौत को चुनाव में झामुमो व कांग्रेस ने बनाया था मुद्दा : विधानसभा चुनाव के दौरान झामुमो व कांग्रेस ने भूख से मौत को मुद्दा बनाया था. साथ ही राज्य में एक दर्जन से अधिक लोगों की मौत भूख से हुई है. इससे राज्य को देश में शर्मसार होना पड़ा है.