भगवान किस अवतार में आ जाएं, कोई नहीं जानता, रांची में बोले स्वामी डॉ उमाकांतानंद
स्वामी डॉ उमाकांतानंद जी ने कहा, आत्मा अमर है. अगला जन्म आपके अनुसार ही हो, ऐसा संभव नहीं है. शरीर कितना भी बदले, पाप-पुण्य का फल अगले जन्म तक रहता है, क्योंकि पुनर्जन्म को हम सत्य मानते हैं.
Ranchi News: महंत तुलसी दास कहते हैं, जिस दिन भगवान का जन्म हुआ, सभी तीर्थ अयोध्या चले गये. साधुत्व की रक्षा, धर्म की स्थापना, अधर्म का नाश और असुरों के विनाश के लिए भगवान का अवतार हुआ है. ये बातें जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी डॉ उमाकांतानंद सरस्वती ने हरमू मैदान में आयोजित श्रीराम कथा में कही. उन्होंने हनुमान जी का ध्यान करते हुए मंगल भवन अमंगल हारी…भजन की प्रस्तुति दी. उन्होंने कहा कि पवित्र ह्रदय से हम भगवान का नाम जपें और ध्यान करें, तो हमारा कल्याण होना तय है. जो सृष्टि के कण-कण में व्याप्त हैं, वो किस तरह, किस रूप में, किस अवतार में आ जायें, यह कोई नहीं जानता है. स्वामी उमाकांतानंद ने कहा कि भगवान की कथा का श्रवण पर कहा कि जिसके अंदर आत्मिक भावना न हो, उनके पास भागवत कथा का वर्णन न करें. क्योंकि वे प्रसंग नही समझेंगे, तो उसका उपहास उड़ायेंगे. कई लोग श्रद्धा से कथा सुनने आते हैं, तो कई परीक्षण के लिए. साधुओं पर हो रहे अत्याचार और प्रहार पर कहा कि एक तरफ पूरे देश में धर्म का जागरण हो रहा है. क्योंकि लोगो में चेतना जग रही है. दूसरी ओर साधुओं की पिटायी हो रही है. एक समय था जब लोग साधुओं के शरण में रहते थे. उन्होंने अगस्त मुनि व महादेव के पूजन सहित भगवान शिव के आनंद अनुभूति प्रसंग पर चर्चा की.
अगला जन्म आपके अनुसार ही हो, ऐसा संभव नहीं
स्वामी डॉ उमाकांतानंद जी ने कहा, आत्मा अमर है. अगला जन्म आपके अनुसार ही हो, ऐसा संभव नहीं है. शरीर कितना भी बदले, पाप-पुण्य का फल अगले जन्म तक रहता है, क्योंकि पुनर्जन्म को हम सत्य मानते हैं. अपना कल सुधारना है, तो आज की संध्या सुधारें. अगला जन्म आपके अनुसार ही हो, ऐसा संभव नहीं है. इससे पहले यजमान बीके सिंह, राकेश शेखर व उनके परिवार के ने व्यास जी की आरती की.
ये थे उपस्थित
इस अवसर पर सांसद समीर उरांव, अध्यक्ष राकेश भास्कर, राजकिशोर सिंह, वीरेंद्र सिंह, अजय सिंह, सुरेश सिंह, प्रमोद सारस्वत, इंद्रजीत यादव, गोपाल सोनी, रामचंद्र जायसवाल, राजीव चौधरी, पुनीत, नीरज शुक्ला, बिपिन सिंह का सहयोग रहा.कथा 21 जनवरी तक प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक चलेगी.
ध्यान से शाश्वत सुख की प्राप्ति संभव है : स्वामी प्रमोद जी
जिला संतमत सत्संग सभा के तत्वावधान में महर्षि मेंही आश्रम, चुटिया में आयोजित ज्ञान पक्ष का समापन रविवार को हुआ. देह की उपादेयता और ईश्वर है स्वरूप विषय पर चर्चा हुई. महर्षि मेंही आश्रम, भागलपुर के आचार्य स्वामी प्रमोदानंद ने कहा, हमें बहुत भाग्य से मनुष्य का शरीर मिला है. यह शरीर ईश्वर भक्ति के लिए मिला है. धर्मकथा बाहरी सत्संग है और स्थान आंतरिक सत्संग है. ब्राह्य सत्संग से हमें आंतरिक सत्संग अर्थात ध्यान करने की प्रेरणा मिलती है. इस अवसर पर स्वामी डॉ विवेकानंद, स्वामी सत्यप्रकाश, स्वामी डॉ निर्मलानंद, स्वामी परमानंद, स्वामी जय कुमार ने भी संदेश दिये. भजन कीर्तन पेश किया गया. सामूहिक भंडारा भी हुआ. इस दौरान नयी कार्यकारिणी का भी गठन किया गया.
यह है कार्यकारिणी
संरक्षक : फतेह चंद अग्रवाल, योगेंद्र प्रसाद पोद्दार. अध्यक्ष : राजकुमार प्रसाद. उपाध्यक्ष : केके कमल, श्याम सुंदर वैध. मंत्री : संजय पोद्दार. संयुक्त मंत्री : अनिल चौरसिया, प्रो गोपाल शरण सिंह. प्रचार मंत्री : मनोहर महतो. सहायक प्रचार मंत्री : अरविंद सिंह. व्यवस्थापक : धर्मवीर सिंह.