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झारखंड के 16 हजार से ज्यादा स्कूलों में खेल का मैदान नहीं, शारीरिक शिक्षक केवल 648

झारखंड के सभी विद्यालयों में खेल शिक्षक का पद तक सृजित नहीं है. प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय व प्लस टू विद्यालय में से केवल हाइस्कूलों में ही शारीरिक शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं.

किसी के व्यक्तित्व के संपूर्ण विकास के लिए पढ़ाई के साथ ही खेलों की भी अहम भूमिका होती है. इसलिए स्कूलों में खेलों का आयोजन भी महत्वपूर्ण है. झारखंड में भी शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए खेलो झारखंड अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन विडंबना यह है कि स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग की ही रिपोर्ट के अनुसार राज्य के कुल 35438 स्कूलों में से 16954 में खेल के मैदान तक नहीं हैं. 35 हजार स्कूल में से सिर्फ 648 स्कूलों में शारीरिक शिक्षक नियुक्त हैं.

झारखंड के सभी विद्यालयों में खेल शिक्षक का पद तक सृजित नहीं है. प्राथमिक विद्यालय, मध्य विद्यालय, उच्च विद्यालय व प्लस टू विद्यालय में से केवल हाइस्कूलों में ही शारीरिक शिक्षकों के पद स्वीकृत हैं. प्राथमिक व मध्य विद्यालय को छोड़ भी दिया जाये, तो प्लस टू विद्यालय में भी आज तक खेल शिक्षक के पद सृजन की प्रक्रिया शुरू नहीं की गयी है. राज्य में 635 प्लस टू स्कूल हैं. इनमें से 59 विद्यालय एकीकृत बिहार के समय के हैं. शेष विद्यालय झारखंड गठन के बाद खुले हैं. इन विद्यालयों में अन्य विषयों के पद तो सृजित किये गये, पर खेल शिक्षकों के पद सृजित नहीं हुए. ऐसे में बच्चे कैसे खेलेंगे. उनका सर्वांगीण विकास कैसे होगा.

स्कूलों को खेल सामग्री के लिए दी जाती रही है राशि :

राज्य के स्कूलों को खेल सामान के क्रय के लिए समय-समय पर राशि दी जाती रही है. राज्य के सरकारी उच्च विद्यालय को केंद्र सरकार द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय सम विकास योजना के तहत खेलकूद की सामग्री दी गयी थी. इसके तहत वर्ष 2004-05 , वर्ष 2005-06, वर्ष 2006-07 खेल सामान के क्रय के लिए राशि दी गयी थी.

इसके बाद राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत वर्ष 2012-13 व वर्ष 2013-14 में भी प्रत्येक जिला के 20-20 स्कूल को राशि दी गयी थी. राज्य के प्राथमिक से लेकर प्लस टू विद्यालयों में खेल सामग्री क्रय के लिए इस वर्ष भी राशि दी गयी थी. इस वर्ष मार्च में प्राथमिक से लेकर प्लस टू स्कूल को कुल 17.96 करोड़ रुपये दिये गये थे. स्कूलों को राशि समग्र शिक्षा अभियान के तहत दी गयी है. खेल सामान के क्रय के लिए 60% राशि केंद्र व 40% राशि राज्य सरकार द्वारा दी गयी है.

स्कूलों में चल रहा खेलो झारखंड अभियान :

स्कूलों में खेलों को बढ़ावा देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा खेलो झारखंड अभियान चलाया जा रहा है. इसके तहत विद्यालय से लेकर राज्य स्तर तक खेलकूद प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही हैं. जिन स्कूलों में खेल का मैदान नहीं है, उन विद्यालयों के बच्चों को निकट के वैसे स्कूल ले जाने को कहा गया है, जहां मैदान हो. जिन विद्यालयों में शारीरिक शिक्षक नहीं हैं, वहां खेल में रुचि रखनेवाले किसी शिक्षक को नोडल शिक्षक के रूप में नामित करने को कहा गया है.

खेलकूद की गतिविधियां हैं अनिवार्य :

शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत स्कूलों में खेलकूद की गतिविधियों को अनिवार्य बनाया गया है, पर राज्य के स्कूलों में खेल का मैदान नहीं होने के कारण इसका पालन नहीं हो पता है. स्कूली बच्चों को खेल की सामान्य जानकारी भी नहीं है.

खरीदे गये सामान

प्राथमिक स्कूल : लूडो, फ्लाइंग डिस्क, क्रिकेट बैट, टेनिस बॉल, स्टंप, फुटबॉल, एयर पंप

मध्य विद्यालय : फुटबॉल, वाॅलीबॉल, लूडो, चेस, क्रिकेट बैट, टेनिस बॉल, स्टंप, फुटबॉल, एयर पंप, ट्रंक

हाइस्कूल : वॉलीबॉल, जेवलिन, शॉटपुट, एयर पंप, ट्रंक, फुटबॉल, वॉलीबॉल, लूडो, चेस, क्रिकेट बैट, टेनिस बॉल, स्टंप

प्लस टू स्कूल: वॉलीबॉल, जेवलिन, शॉटपुट, एयर पंप, ट्रंक, फुटबॉल, वाॅलीबॉल, लूडो, चेस, क्रिकेट बैट, टेनिस बॉल, स्टंप

राज्य में जिलावार खेल शिक्षक

जिला शिक्षक

बोकारो 24

चतरा 35

देवघर 23

धनबाद 38

जिला शिक्षक

दुमका 28

गढ़वा 35

गिरिडीह 59

गोड्डा 48

जिला शिक्षक

गुमला 44

हजारीबाग 50

जामताड़ा 03

खूंटी 15

जिला शिक्षक

कोडरमा 19

लातेहार 07

लोहरदगा 13

पाकुड़ 04

जिला शिक्षक

पलामू 49

प सिंहभूम 08

पू सिंहभूम 11

रामगढ़ 36

जिला शिक्षक

रांची 66

साहिबगंज 11

सरायकेला-खरसावां 04

सिमडेगा 08

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