COVID-19 : झारखंड में कोरोना का कोई पॉजिटिव केस नहीं पर सतर्कता व बचाव जरूरी
णझारखंड में कोरोना वायरस का अब तक कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी पांच मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एहतियात के तौर पर 102 आइसोलेशन वार्ड तैयार रखा है.
रांची. झारखंड में कोरोना वायरस का अब तक कोई पॉजिटिव केस नहीं मिला है. स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी पांच मेडिकल कॉलेजों व जिला अस्पतालों में एहतियात के तौर पर 102 आइसोलेशन वार्ड तैयार रखा है. वहां चिकित्सकों व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 998 निजी सुरक्षात्मक उपकरण तथा 301 मास्क (एन-95) की व्यवस्था की गयी है. अाम लोग मेडिकल हेल्पलाइन नंबर-104 से भी कोरोना वायरस संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. अब विभाग द्वारा वायरस के संबंध में जागरूकता व बचाव के लिए सभी जिलों में पोस्टर, बैनर व होर्डिंग सहित प्रचार-प्रसार के अन्य माध्यमों का इस्तेमाल किया जा रहा है.
कोरोना (कोविड-19) वायरस संबंधी सही तथ्य
कोरोना (कोविड-19) वायरस संबंधी सही तथ्य
सवाल : क्या चीन से आया कोई पत्र या पैकेज लेना सुरक्षित है?
जवाब : हां, क्योंकि कोरोना वायरस किसी चीज पर ज्यादा देर तक जिंदा नहीं रह सकता.
सवाल : क्या पालतू जानवर (कुत्ता-बिल्ली) से इसके फैलने का खतरा है?
जवाब : नहीं. अभी तक इसके कोई प्रमाण नहीं मिले हैं. पर सुरक्षा की दृष्टि से पालतू जानवर के संपर्क में आने पर हाथ धो लेना चाहिए़
सवाल : क्या कोरोना को रोकने या इसका प्रभाव कम करने में कोई वैक्सिन कारगर है?
जवाब : नहीं. अब तक नहीं.
सवाल : क्या एंटीबायोटिक का इस्तेमाल वायरस को रोक सकता है?
जवाब : नहीं
सवाल : क्या कोरोना वायरस लैब में तैयार हुआ है?
जवाब : नहीं. अब तक कोई ऐसा प्रमाण नहीं है, जिससे इसके मैन मेड होने की पुष्टि हो़
सवाल : क्या फेस मास्क वायरस रोक सकता है?
जवाब : नहीं. साधारण व ढीले मास्क लगाना कारगर नहीं है. पूरे फेस पर टाइट पकड़ वाले एन-95 मास्क ही कारगर है़
(स्रोत : विश्व स्वास्थ्य संगठन)
स्कूल प्रबंधन के लिए भारत सरकार की सलाह
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बच्चों की बड़ी गैदरिंग से बचें.
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कोई स्टूडेंट या स्टाफ गत 28 दिनों के अंदर कोविड-19 से प्रभावित देशों से होकर आया हो, तो उसकी 14 दिनों तक निगरानी हो़
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बच्चों व सभी स्टाफ को भी साबुन या अल्कोहल बेस्ड हैंड रब से हाथ धोने को प्रेरित करें. साबुन व पानी की व्यवस्था सुनिश्चित करें.
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बच्चों को बतायें कि अपने अांख, नाक व मुंह न छुएं.
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खांसी व बुुखार के साथ सांस लेने में परेशानी के लक्षण दिखने पर अपने राज्य के हेल्पलाइन नंबर 011-23978046 पर संपर्क करें.
क्या करें
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निजी स्वच्छता और किसी से शारीरिक दूरी बनाये रखें
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बार-बार हाथों को साफ करते रहें. हाथों को साबुन और पानी से धोयें या अल्कोहल युक्त हैंडरब से हाथ रगड़ें
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सर्दी और खांसी के समय अपने मुंह और नाक को रूमाल अथवा टिशू पेपर से ढंक कर रखें
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इस्तेमाल के तुरंत बाद टिशू को बंद कूड़ेदान में फेंके
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किसी व्यक्ति से बात करते वक्त एक सुरक्षित दूरी बनाये रखें, विशेषकर उनसे जिनमें बुखार जैसे लक्षण दिखे
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छींकते और खांसते समय कोहनी के अंदर वाले हिस्से से मुंह को ढंके ताकि हथेली कफ से दूषित नहीं हो
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नियमित रूप से शरीर का तापमान लेते रहे और सांस संबंधी लक्षणों पर ध्यान देते रहें. अगर अस्वस्थ (बुखार सांस लेने में कठिनाई और खांसी) महसूस करें, तो डॉक्टर को दिखायें. डॉक्टर के पास जाते समय अपने मुंह और नाक को मास्क अथवा कपड़े से ढंक ले.
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बुखार, फ्लू के लक्षण होने पर स्वास्थ्य, चिकित्सा शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग के 24×7 के टॉल फ्री नंबर 104 पर कॉल करें
क्या ना करें
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हाथ मिलाना
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किसी के भी नजदीक जाना, अगर आप खांसी या बुखार महसूस कर रहे हों
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अपनी आंखों, नाक और मुंह को छूना
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अपनी हथेलियों पर खांसना अथवा छींकना
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सार्वजनिक स्थलों पर थूकना
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अनावश्यक यात्रा करना, खासकर किसी प्रभावित क्षेत्र की
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बड़ी सभा में भाग लेना, जिसमें कैंटीन में समूह में बैठना शामिल है
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जिम, क्लब और भीड़ वाली जगह पर जाना