रांची : मांडर कॉलेज में विद्यार्थियों के 68.59 लाख रुपये का कोई रिकॉर्ड नहीं

जानकारी के अनुसार नया कैश बुक 16 जनवरी 2020 से आरंभ किया है, जो 28 अक्तूबर 2023 तक का है. लेकिन इस नये कैश बुक में ओपनिंग बैलेंस व प्रिवियस वोल्यूम, रिसिप्ट का कोई जिक्र नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 25, 2024 9:52 AM

संजीव सिंह (रांची) : रांची विवि अंतर्गत अंगीभूत कॉलेज मांडर कॉलेज, मांडर में 68.59 लाख रुपये की वित्तीय गड़बड़ी सामने आयी है. यह राशि वर्ष 2018 से 2023 तक विद्यार्थियों से लिये गये शुल्क के रूप में है, जिसे कॉलेज के बैंक खाता में जमा ही नहीं किया गया. उपलब्ध दस्तावेजों के मुताबिक वित्तीय अनियमितता का आलम यह है कि कॉलेज में उपयोग किये गये 10001 से 13300 सीरियल नंबर के समान चालान छपवाये गये हैं. इस तरह के 3300 चालान रिसिप्ट हैं. चालान से लिये गये शुल्क डेली कलेक्शन रजिस्ट्रर (डीसीआर) में दर्ज ही नहीं हैं. उदाहरण स्वरूप चालान नंबर 9672, 9673 और 9674 क्रमश: 1200 रुपये और 1300-1300 रुपये शुल्क कॉलेज डीसीआर में दर्ज ही नहीं हैं.

एमआर जारी करने के लिए भी प्राचार्य या बर्सर ने प्रमाणित नहीं किया

मनी रिसिप्ट (एमआर) जारी करने के लिए कभी भी कॉलेज के प्राचार्य/बर्सर द्वारा प्रमाणित नहीं किया गया है. इंटरमीडिएट सेक्शन के साथ-साथ डिग्री सेक्शन के लिए एमआर का कोई अलग खाता भी नहीं रखा गया. इतना ही नहीं, रोज के कलेक्शन रजिस्टर पर भी कॉलेज के प्राचार्य/बर्सर ने कभी भी हस्ताक्षर नहीं किया है. कॉलेज में कैशबुक 30 जून 2017 तक ही मेंटेन रहा, जिसमें प्राचार्य तथा बर्सर का हस्ताक्षर तथा मुहर है. इसके बाद कैश बुक में प्राचार्य/बर्सर का कहीं भी हस्ताक्षर या मुहर नहीं है.

नये कैश बुक में अनियमितताओं की भरमार

जानकारी के अनुसार नया कैश बुक 16 जनवरी 2020 से आरंभ किया है, जो 28 अक्तूबर 2023 तक का है. लेकिन इस नये कैश बुक में ओपनिंग बैलेंस व प्रिवियस वोल्यूम, रिसिप्ट का कोई जिक्र नहीं है. प्रतिदिन व महीना का कुल जोड़ तक नहीं है. इस कैश बुक में प्राचार्य/बर्सर/एकाउंटेंट के हस्ताक्षर तक नहीं हैं.

Next Article

Exit mobile version